स्वदेशी जागरण मंच की मांग, टिकटॉक पर लगाया जाए प्रतिबंध

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[email protected] । Jul 14 2019 4:21PM

स्वदेशी जागरण मंच के सह संयोजक ने दावा किया कि ‘टिकटॉक’ और चीन सरकार के हस्तक्षेप के गठजोड़ का इस्तेमाल भारतीय नागरिकों के निजी जीवन तक पहुंच बनाने और देश में ‘‘सामाजिक उथल-पुथल उत्पन्न करने’’ के लिए किया जा सकता है।

नयी दिल्ली। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के एक अनुषंगी संगठन ने रविवार को यह दावा करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से ‘टिकटॉक’ और ‘हेलो’ को प्रतिबंधित करने की मांग की है कि ये दोनों चीनी सोशल मीडिया ऐप ‘‘राष्ट्रविरोधी’’ तत्वों का अड्डा बन गए हैं। स्वदेशी जागरण मंच (एसजेएम) के सह-संयोजक अश्विनी महाजन ने मोदी को लिखे एक पत्र में दोनों ऐप को लेकर संगठन की चिंताएं रेखांकित की। उन्होंने आरोप लगाया कि दोनों ऐप भारत के युवाओं के ‘‘निहित हितों’’ से प्रभावित होने का माध्यम बन रहे हैं। महाजन ने कहा, ‘‘हाल के सप्ताहों में ‘टिकटॉक’ राष्ट्रविरोधी सामग्री का अड्डा बन गया है जिसे ऐप पर व्यापक रूप से साझा किया जा रहा है जो हमारे समाज के तानेबाने को नुकसान पहुंचा सकता है।’’

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उन्होंने ‘हेलो’ के बारे में आरोप लगाया कि ऐप द्वारा अन्य सोशल मीडिया मंचों पर 11 हजार से अधिक विरूपित राजनीतिक विज्ञापनों के लिए सात करोड़ रुपये का भुगतान करने का पता चला।   उन्होंने कहा, ‘‘इन विज्ञापनों में से कुछ में वरिष्ठ भारतीय नेताओं की विरूपित की गई तस्वीरों का इस्तेमाल किया गया। भाजपा के पदाधिकारियों ने स्वयं पिछले आम चुनावों के दौरान इन चिंताओं को लेकर चुनाव आयोग को पत्र लिखे थे।’’ महाजन ने मांग की कि गृह मंत्रालय देश में ‘टिकटॉक’ और ‘हेलो’ सहित इन चीनी ऐप पर प्रतिबंध लगाये। उन्होंने कहा, ‘‘ऐसा इसलिए क्योंकि चीनी प्रतिष्ठानों में से कुछ इकाइयों के भारत की संप्रभुता और अखंडता को लेकर नकरात्मक इरादें हैं।’’

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स्वदेशी जागरण मंच के सह संयोजक ने दावा किया कि ‘टिकटॉक’ और चीन सरकार के हस्तक्षेप के गठजोड़ का इस्तेमाल भारतीय नागरिकों के निजी जीवन तक पहुंच बनाने और देश में ‘‘सामाजिक उथल-पुथल उत्पन्न करने’’ के लिए किया जा सकता है। महाजन ने चिंता जतायी कि भारत में वर्तमान में एंड्रायड मोबाइल फोन में प्लेस्टोर और आईफोन में ऐपस्टोर द्वारा मुहैया कराये जाने वाले ऐप की निगरानी की कोई व्यवस्था नहीं है। उन्होंने सरकार से एक नया कानून बनाने का आग्रह किया जो ‘‘हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ ही नागरिकों की निजता की सुरक्षा’’ के लिए ऐसे ऐप के लिए जांच और नियमन जरूरी बनाये।

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