कालेधन को सफेद करने के लिए हुई थी नोटबंदी, इसके दर्द को देश कभी नहीं भूलेगा: राहुल
राहुल गांधी ने दावा किया कि राजा के एक तानाशाही फरमान ने जनता को कभी न भूल पाने वाली चोट दी है, नोटबंदी का दर्द देश कभी नहीं भूलेगा। बीते वित्त वर्ष 2021-22 में बैंकिंग प्रणाली में मिले जाली 500 रुपये के नोटों की संख्या इससे पिछले वित्त वर्ष (2020-21) की तुलना में दोगुना से भी अधिक होकर 79,669 पर पहुंच गई।
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राहुल ने दावा किया, ‘‘2022 में रिजर्व बैंक के हवाले से ख़बर आयी कि बैंक में पहुंचे 500 रुपये के 101.9 प्रतिशत और 2 हजार रुपये के 54.16 प्रतिशत से ज़्यादा नोट, नकली हैं। 2016 में जहां 18 लाख करोड़ कैश इन सर्कुलेशन (चलन में मुद्रा) में था, वहीं आज 31 लाख करोड़ कैश इन सर्कुलेशन में है। सवाल है कि आपके डिजिटल इंडिया , कैशलेस इंडिया का क्या हुआ, प्रधानमंत्री जी?’’ कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘नोटबंदी के वक़्त मैंने कहा था कि ये ‘राष्ट्रीय त्रासदी है। गलतफ़हमी में मत रहिए- मोदी जी से ग़लती नहीं हुई, ये जानबूझ कर किया गया है ताकि आम जनता के पैसे से ‘मोदी-मित्र’ पूंजीपतियों का लाखों करोड़ रुपये का कर्ज़ माफ किया जा सके और उनके कालेधन को सफेद किया जा सके।’’
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राहुल गांधी ने दावा किया, ‘‘राजा के एक तानाशाही फरमान ने जनता को कभी न भूल पाने वाली चोट दी है, नोटबंदी का दर्द देश कभी नहीं भूलेगा।’’ बीते वित्त वर्ष 2021-22 में बैंकिंग प्रणाली में मिले जाली 500 रुपये के नोटों की संख्या इससे पिछले वित्त वर्ष (2020-21) की तुलना में दोगुना से भी अधिक होकर 79,669 पर पहुंच गई। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की सालाना रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। रिपोर्ट के अनुसार, 2021-22 में 2,000 रुपये मूल्य के 13,604 जाली नोटों का पता चला। 2020-21 की तुलना में यह 54.6 प्रतिशत अधिक हैं। बीते वित्त वर्ष में बैंकिंग क्षेत्र में मिले विविध मूल्यों की कुल जाली भारतीय करेंसी नोट (एफआईसीएन) की संख्या बढ़कर 2,30,971 हो गई, जो 2020-21 में 2,08,625 थी। साल 2019-20 में 2,96,695 जाली नोट पकड़ में आए थे।
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