कोरोना की दवाओं को जमा करना नेताओं का काम नहीं: दिल्ली उच्च न्यायालय
प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क । May 17 2021 1:37PM
न्यायमूर्ति विपिन सांघी और न्यायमूर्ति जसमीत सिंह की पीठ ने दिल्ली पुलिस द्वारा पेश की गई उस स्थिति रिपोर्ट पर नाराजगी जाहिर की जो राष्ट्रीय राजधानी में रेमडेसिविर तथा कोविड-19 की अन्य दवाओं की नेताओं द्वारा जमाखोरी तथा वितरण के आरोपों के संबंध में की गई जांच से संबंधित थी।
नयी दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को कहा कि कोविड-19 के उपचार में इस्तेमाल होने वाली दवाएं, जिनकी पहले से कमी है, जमा करने का काम सियासी नेताओं का नहीं है और उम्मीद की जाती है कि वे दवाएं लौटा देंगे। अदालत ने कहा कि ऐसा बताया गया है कि ये दवाएं जनता की भलाई के लिए खरीदी गईं हैं, न कि सियासी फायदे के लिए इसलिए नेताओं से उम्मीद की जाती है कि वे कोविड-19 दवाओं के अपने भंडार दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय (डीजीएचएस) को सौंप देंगे ताकि सरकारी अस्पतालों में जरूरतमंदों के बीच इनका वितरण किया जा सके।
न्यायमूर्ति विपिन सांघी और न्यायमूर्ति जसमीत सिंह की पीठ ने दिल्ली पुलिस द्वारा पेश की गई उस स्थिति रिपोर्ट पर नाराजगी जाहिर की जो राष्ट्रीय राजधानी में रेमडेसिविर तथा कोविड-19 की अन्य दवाओं की नेताओं द्वारा जमाखोरी तथा वितरण के आरोपों के संबंध में की गई जांच से संबंधित थी। अदालत एक जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसमें आरोप लगाया गया है कि नेता बड़ी मात्रा में कोविड-19 दवाओं को खरीद रहे हैं और उन्हें वितरित कर रहे हैं जबकि मरीज इन दवाओं के लिए दर-दर भटक रहे हैं। याचिका में इस बारे में प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की गई है।Delhi High Court dismisses the plea seeking direction to allow conversion of “unused CNG cylinders cascade” lying idle and any other “CNG cylinders cascade” which can be spared by respective city gas distribution companies to Medical Oxygen use pic.twitter.com/AH2aBRSmCZ
— ANI (@ANI) May 17, 2021
डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।
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