केंद्र नोटबंदी के बेहतर परिणामों के बारे में बताएः नीतीश

[email protected] । Jan 25 2017 10:53AM

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने केन्द्र से कहा है कि वह 500 और 1000 रूपये के पुराने नोटों को चलन से बाहर करने के बेहतर परिणाम से जनता को अवगत कराए।

पटना। गठबंधन सहयोगियों राजद और कांग्रेस के रूख से अलग नोटबंदी का समर्थन करने वाले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने केन्द्र से कहा है कि वह 500 और 1000 रूपये के पुराने नोटों को चलन से बाहर करने के बेहतर परिणाम से जनता को अवगत कराए। मंगलवार को जननायक कर्पूरी ठाकुर के जन्मदिन के अवसर पर अपनी पार्टी जदयू के अत्यंत पिछड़ा प्रकोष्ठ द्वारा आज आयोजित एक समारोह को संबोधित करते हुए नीतीश ने कहा कि हमने (जदयू ने) सैद्धांतिक तौर पर केन्द्र के नोटबंदी के निर्णय का समर्थन और स्वागत किया था क्योंकि हमें लगा था कि इसके पीछे इरादे नेक हैं।

जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार ने कहा, ‘‘यदि आप कालेधन पर प्रहार करना चाहते हैं, जाली नोट खत्म करना चाहते हैं, भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाना चाहते हैं तो नोटबंदी उस दिशा में एक बहुत मजबूत कदम है। इतने दिन बीत गए हैं, प्रधानमंत्री जी ने 50 दिन का समय मांगा था। 77 दिन बीत गये हैं। हम आग्रह करेंगे नोटबंदी के अच्छे परिणामों के बारे में देश की जनता को बताएं, लोग इंतजार कर रहे हैं।’’

नीतीश ने जदयू की कोर कमेटी की बैठक के बाद उक्त बातें कहीं। मीडिया में चर्चा थी कि बैठक में नोटबंदी के समर्थन के पुराने रूख पर कायम रहने तथा उसके खराब क्रियान्वयन पर सवाल उठाने को लेकर आम सहमति बनी है। उल्लेखनीय है कि केंद्र ने कालेधन के खिलाफ गत आठ नवंबर को नोटबंदी की घोषणा की थी और जदयू के साथ बिहार में सत्ता में शामिल लालू प्रसाद की पार्टी राजद और कांग्रेस के इसका विरोध किए जाने के बावजूद नीतीश ने इसका समर्थन किया था। नीतीश ने कहा, ‘‘हमने कहा था कि कालेधन के खिलाफ लड़ाई यदि जारी रखनी है तो नकद के अलावा अन्य चीजों पर ध्यान देना होगा। नकद तो छोटा हिस्सा है, लेकिन असल कालाधन तो बेनामी संपत्ति में है जो हीरा, सोना, चांदी, रीयल स्टेट, शेयर तथा विदेशों में जमा रकम के रूप में है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम आशा करते हैं कि अगला कदम कालाधन के इस बड़े हिस्से के खिलाफ होगा। नोटबंदी जैसे साहसिक फैसले के बाद बेनामी संपति पर नजर जाएगी और सोना, हीरा तथा संपति जब्त होगी। तब लोगों को लगेगा कि आप काला धन के खिलाफ हैं।’’

नीतीश कुमार ने कहा कि हम भ्रष्टचार के साथ कोई समझौता नहीं कर सकते हैं, हमारी नीति ‘जीरो टॉलरेंस’ की है। उसी प्रकार हम कानून के राज के लिये भी कोई समझौता नहीं करते। मुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द्र सरकार की ओर से समान नागरिक संहिता की बात आ रही है। बिहार पहला राज्य है, जिसने इस बिन्दू पर जवाब भेज दिया है। उन्होंने कहा कि आज आप समान नागरिक संहिता की बात करते हैं तो यह समझना होगा कि विभिन्न सम्प्रदायों, धर्म को मानने वाले लोगों के लिये अलग-अलग कानून और कोड बने हुये हैं। नीतीश ने सवाल किया, ‘‘क्या आपने सबसे बात कर लिया, सबसे सहमति ले ली? यह सिर्फ मुसलमानों और अल्पसंख्यक की बात नहीं है, जब समान नागरिक संहिता बनाइयेगा तो आपका प्रस्ताव क्या है? जितने कानून बने हुये हैं, सबको बदलना पड़ेगा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘इस पर सबसे बात करिये, लोगों की राय लीजिये। उसके बाद कोई प्रारूप बनाइये, फिर से संसद, विधानसभा और सामाजिक संगठनों को विचार के लिए दें। अगर सहमति बनती है तो लागू कीजिये।’’ समान नागरिक संहिता को लेकर विधि आयोग को गत 12 जनवरी को पत्र लिख चुके नीतिश कुमार ने कहा, ‘‘उनकी ओर से प्रश्नावली भेजी जाती है। क्या राज्य सरकार प्रश्नावली का उत्तर देगी? राज्य सरकार क्या किसी परीक्षा में बैठी हुयी है? क्या यही तरीका है?’’

जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश ने कहा कि समान नागरिक संहिता को लेकर जदयू का निर्णय हो चुका है। ‘‘हम लोग समान नागरिक संहिता के बारे में अपनी राय प्रकट करे देंगे। यह तरीका बिल्कुल गलत है। हमारा समाज विभिन्न भाषा एवं सस्कृति का समाज है। इसमें कोई जोर जबर्दस्ती बिना किसी ठोस प्रास्ताव ऐसी संहिता लागू नहीं कर सकता। हमारे समाज में जो विविधतायें हैं, उसको नष्ट करने की कोशिश मत करिये। हम लोग सिद्धांत के साथ कोई समाझौता नहीं कर सकते हैं।’’

जीएसटी के मुद्दे पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि गुजरात और मध्य प्रदेश में विरोध था पर बिहार में विरोध नहीं था। हम लोग शुरू से जीएसटी के साथ थे। हम शुरू से कहते आ रहे हैं कि इससे उपभोक्ता राज्यों को फायदा होगा और इससे पारदर्शिता आयेगी। उन्होंने कहा कि सबको दिखाई दे रहा है कि अर्थव्यवस्था में सुस्ती आयी है। बिहार के लोग बहुत जगह बाहर काम करते हैं तो जो असंगठित क्षेत्र में काम करते थे, वैसे बहुत से क्षेत्रों में काम बंद हो गया है तो वैसे लोगों को कम्पनसेट करें और ऐसे लोगों के बारे में सोचें।

समारोह को संबोधित करते हुए जदयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव ने जननायक कर्पूरी ठाकुर की कुर्बानियों और सादगी को याद किया। इस अवसर पर जदयू प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह, बिहार के वरिष्ठ मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव, राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह, पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव हरिवंश, पवन कुमार वर्मा, श्याम रजक और कई सांसद, विधायक, पार्षद तथा पार्टी के कई अन्य वरिष्ठ नेता और पदाधिकारी उपस्थित थे।

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