भारत में युवाओं की विशाल आबादी के बावजूद राजनीति में उनकी बहुत कमी: थरूर
थरूर ने महात्मा गांधी के 150वें जयंती वर्ष और नेल्सन मंडेला के 100वें जयंती वर्ष के मौके पर आयोजित सेमिनार के दौरान अपने भाषण में यह बात कही।
नयी दिल्ली। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और सांसद शशि थरूर ने बृहस्पतिवार को इस बात पर अफसोस जताया कि भारत में युवाओं की बहुत बड़ी आबादी होने के बावजूद एक पेशे के तौर पर राजनीति युवाओं के लिए बहुत प्रतिनिधिकारी नहीं है यानी राजनीति में युवाओं की कमी है। थरूर ने यहां एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, "युवाओं के बारे में बात करने वाले राजनेता आज के समय में थोड़े अजीब और अतिरंजित हो गए हैं, खासकर एक विशेष आयुवर्ग के नेता।"
Wonderful event and discussion @CIC_Chennai on Mahavira and Adi Shankara. My speech and q&A with @nankrishna : https://t.co/8GQdZ67YFk
— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) July 11, 2019
तिरुवनंतपुरम से सांसद थरूर ने कहा, "और यह अपरिहार्य तथ्य है कि भारत का राजनीतिक तबका और उसके नेता सामान्य तौर पर इस पेशे में खुले दिल से युवाओं का स्वागत नहीं करते और इसके तमाम कारण हैं।’’ थरूर ने महात्मा गांधी के 150वें जयंती वर्ष और नेल्सन मंडेला के 100वें जयंती वर्ष के मौके पर आयोजित सेमिनार के दौरान अपने भाषण में यह बात कही। कांग्रेस सांसद ने कहा, "भारत एक ऐसा देश है जहां करीब 65 प्रतिशत आबादी की आयु 35 वर्ष से कम है। अब बारी आती है लोकतंत्र के मंदिर की, जहां सभी सांसदों में से केवल 2.2 प्रतिशत सांसदों की आयु ही 30 वर्ष से कम है और प्रत्येक चार में से एक सांसद की आयु ही 45 वर्ष से कम है।’’
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उन्होंने कहा कि 16वीं लोकसभा में 25-40 के आयु वर्ग में "सबसे कम सांसद" निर्वाचित हुए जबकि 2014 के चुनावों में अब तक सबसे अधिक युवा मतदाताओं ने वोट दिया।थरूर ने कहा, "पक्के तौर पर नहीं कहा जा सकता कि हमने उस अंतर को सफलतापूर्वक पाट दिया है, लेकिन चीजों में मामूली सुधार हुआ है। संसद में औसत आयु थोड़ी कम हो गई है, हमारे पास 28 और 27 वर्ष की आयु वाले सांसद हैं।"
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