बिलों का भुगतान न होने पर मरीजों को परेशान नहीं करेंः अदालत

Detaining patients for unpaid bills is illegal: Bombay HC
[email protected] । Feb 14 2018 9:27PM

न्यायालय ने सरकार को निर्देश दिया कि वह यह सुनिश्चित करने के लिए एक नियामक तंत्र के साथ आए कि निजी अस्पतालों में इलाज कराने वाले मरीजों को बिलों के भुगतान को लेकर परेशान नहीं किया जा सके।

मुंबई। बंबई उच्च न्यायालय ने आज महाराष्ट्र सरकार को निर्देश दिया कि वह यह सुनिश्चित करने के लिए एक नियामक तंत्र के साथ आए कि निजी अस्पतालों में इलाज कराने वाले मरीजों को बिलों के भुगतान को लेकर परेशान नहीं किया जा सके। न्यायमूर्ति एससी धर्माधिकारी और भारती डांगरे की पीठ ने कहा कि राज्य सरकार को एक ऐसे तंत्र के साथ आना चाहिए जिसमें अस्पतालों और मरीजों दोनों के अधिकारों में संतुलन बना रहे।

पीठ ने कहा कि सरकार को सुनिश्चित करना चाहिए कि बिल भुगतान करने में सक्षम नहीं होने पर अस्पताल अधिकारियों की ओर से मरीजों या उनके रिश्तेदारों को अवैध रूप से बंधक नहीं बनाया जाए। अदालत ने कहा, ‘‘बिल का भुगतान करने में नाकाम रहने पर मरीजों को अवैध रूप से बंधक बनाकर रखने की अनुमति नहीं दी जा सकती।’’ पीठ ने कहा, ‘‘यदि कोई मरीज ठीक हो गया हो और उसे आगे के इलाज की जरूरत नहीं हो तो भी उसे अधिकारियों की ओर से अस्पताल से जाने से नहीं रोका जा सकता।’’ न्यायालय एक जनहित याचिका पर सुनवाई कर रहा था। यह याचिका दो ऐसे मामले सामने आने के बाद दायर की गई जिसमें अस्पताल के बिल का भुगतान नहीं करने पर मरीजों को बंधक बना लिया गया।

राज्य सरकार के वकील रुई रॉड्रिग्ज ने अदालत को बताया कि ऐसे मामलों से निपटने के लिए सरकार एक विधेयक लेकर आई है, जिसे अभी राज्य विधानमंडल में पेश नहीं किया गया है।

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़