मीर को नजरबंद करना गैरकानूनी, नागरिकों की स्वतंत्रता सुनिश्चित करें अदालतें : चिदंबरम
उन्होंने कहा, सरकार के पास कोई अधिकार नहीं है कि वह कानूनी प्राधिकार के बिना नागरिकों को एक पल के लिए भी उनकी आजादी से वंचित करे। यह संविधान का अनुच्छेद 21 कहता है। चिदंबरम ने कहा, मैं आशा करता हूं कि अदालतें नागरिकों की स्वतंत्रता सुनिश्चित करेंगी।
नयी दिल्ली। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम ने शनिवार को कहा कि उनकी पार्टी की जम्मू - कश्मीर इकाई के अध्यक्ष गुलाम अहमद मीर को हिरासत में लिया जाना पूरी तरह गैरकानूनी है। उन्होंने यह उम्मीद भी जताई कि अदालतें नागरिकों की स्वतंत्रता सुनिश्चित करेंगी। पूर्व गृह मंत्री चिदंबरम ने ट्वीट कर कहा, गुलाम अहमद मीर शुक्रवार से नजरबंद हैं। उन्हें हिरासत में लेने का कोई लिखित आदेश नहीं था। यह गैरकानूनी है।
Ghulam Ahmad Mir, PCC President, J&K is under house arrest in Jammu since Friday. There was no written order of detention. Outrageously illegal.
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) August 17, 2019
उन्होंने कहा, सरकार के पास कोई अधिकार नहीं है कि वह कानूनी प्राधिकार के बिना नागरिकों को एक पल के लिए भी उनकी आजादी से वंचित करे। यह संविधान का अनुच्छेद 21 कहता है। चिदंबरम ने कहा, मैं आशा करता हूं कि अदालतें नागरिकों की स्वतंत्रता सुनिश्चित करेंगी।
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दरअसल, कांग्रेस की जम्मू-कश्मीर इकाई को शुक्रवार को संवाददाता सम्मेलन करने से रोक दिया गया और पुलिस ने पार्टी के मुख्य प्रवक्ता और पूर्व एमएलसी रविंदर शर्मा को जम्मू स्थित पार्टी मुख्यालय में हिरासत में ले लिया । पुलिस का कहना है कि शर्मा को एहतियात के तौर पर हिरासत में लिया गया है। वहीं कांग्रेस का दावा है कि उसके प्रदेश अध्यक्ष गुलाम अहमद मीर को भी उस वक्त हिरासत में ले लिया गया जब वह पार्टी कार्यालय जा रहे थे।
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