2 महीने में कानून को सवर्णों के पक्ष में लाओ, वरना पलट देंगे सरकार: देवकीनंदन ठाकुर
देश में कथावाचक के तौर पर माने-जाने वाले देवकीनंदन ठाकुर महाराज इन दिनों सियासी गलियारों में हड़कंप मचाए हुए हैं।
नयी दिल्ली। देश में कथावाचक के तौर पर माने-जाने वाले देवकीनंदन ठाकुर महाराज इन दिनों सियासी गलियारों में हड़कंप मचाए हुए हैं। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा एससी/एसटी एक्ट पर पहले जांच और फिर गिरफ्तारी के फैसले को मोदी सरकार ने संसद द्वारा संशोधन कर पलट दिया, जिसके बाद उनका सबसे बड़ा वोट बैंक सवर्ण नाराज हो गया और सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन करने लगा।
इस प्रदर्शन की एक छाप मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के रथ पर पथराव की तरह दिखी। हालांकि, बीजेपी का मानना है कि काले झंडे और यह हमला कांग्रेस ने कराया है। वहीं, दूसरी तरफ सोशल मीडिया पर एक कैंपेन भी बड़े जोरों-शोरों से चलाया जा रहा है कि इस बार के चुनाव में नोटा को वोट देना है। लेकिन, यह कहना मुश्किल है कि जो कैंपेन चला रहे हैं वह ट्रोल्स हैं या फिर फर्जी अकाउंट्स।
खैर, बात देवकीनंदन ठाकुर महाराज की कि जाए तो उनका कहना है कि सरकार इस कानून को वापस ले। वरना हम चुनाव में दिखा देंगे कि सरकार कौन है। महाराज ने एक चैनल के लाइव प्रोगाम में साफ करते हुए कहा कि सरकार का मतलब हम और आप से है। लोकतंत्र में वोट डालने वाला सर्वोपरि होता है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी तो खुद को प्रधान सेवक कहते हैं इसलिए हम और आप सरकार हैं।
इसी बीच उन्होंने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि कानून में इस ढंग से परिवर्तन किया जाए कि हमारा डर भी खत्म हो जाए और हमारे भाई-बंधुओं का भी नुकसान न हो। या फिर सुप्रीम कोर्ट के निर्णय को दोबारा बहाल करने की योजना तैयार करें, इसके लिए हम सरकार को 2 महीने का वक्त देते हैं।
सरकार को 2 महीने का वक्त देने वाले देवकीनंदन से जब पत्रकारों ने पूछा कि आप सरकार को धमका रहे हैं तो उन्होंने कहा कि 2 महीने बाद क्यों होगा यह तो 2 महीने बाद ही पता चलेगा। हालांकि, बाद में उन्होंने कहा कि यह कोई आम बात तो है नहीं, सरकार को भी सोचने और योजना बनाने में वक्त लगेगा, इसीलिए 2 महीने का वक्त दिया है।
सवर्ण समाज की अगुवाई कर रहे देवकीनंदन ठाकुर महाराज ने यह तो स्पष्ट कर दिया कि सरकार को उन्होंने 2 महीने का वक्त दे दिया है मगर 2 महीने बाद क्या होगा इस पर अभी भी संसपेंस बना हुआ है। फिलहाल, राजनीति में उतरने वाले सवाल को लेकर देवकीनंदन ने कहा कि मैं पहले भी कथावाचक था और आज भी हूं और आगे भी रहूंगा। मेरा राजनीति में आगे का कोई प्लान नहीं है।
गौरतलब है कि देवकीनंदन के अगुवाई देश-विदेश में लाखों की तादाद में है जिसके बाद ऐसे सवाल उठने लगे कि वह सवर्णों की आवाज बनकर राजनीति में एन्ट्री करना चाह रहे थे, मगर उन्होंने खुद इस तरह की अफवाहों को बे-बुनियाद करार दिया।
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