धनखड़ ने कोरोना से निपटने को लेकर ममता सरकार को घेरा, अल्पसंख्यकों के ‘तुष्टीकरण’ का आरोप लगाया
राज्यपाल ने अस्पताल के पृथक वार्डों में मोबाइल फोन पर पाबंदी की आलोचना करते हुए कहा कि वास्तविक तस्वीर को उजागर करने का समय आ गया है जिससे कोविड-19 के खिलाफ हमारी जंग को और मजबूत और धारदार बनाया जा सके।
राज्यपाल ने बनर्जी के बृहस्पतिवार को लिखे पत्र के बाद उन्हें लिखे अपने पत्र में कहा, ‘‘आपका पत्र इस चुनौतीपूर्ण समय में भयंकर गलतियां करने से जो भारी विफलता सामने आयी है , उस पर बहानेबाजी की रणनीति के जरिए परदा डालने के लिए किए जा रहे प्रयासों का हिस्सा है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘अल्पसंख्यक समुदाय का आपका तुष्टीकरण निजामुद्दीन मरकज घटना पर बेहद खुल्लम खुल्ला और अनुपयुक्त था। यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है तथा इसका समर्थन नहीं किया जा सकता।’’ राज्यपाल उस कार्यक्रम का जिक्र कर रहे थे जहां बनर्जी को राष्ट्रीय राजधानी में तबलीगी जमात के धार्मिक आयोजन पर टिप्प्णी करने के लिए कहा गया था। ममता बनर्जी ने तब कथित तौर पर पत्रकारों से कहा था कि “सांप्रदायिक सवाल” न किये जाएं। राज्य में कोविड-19 मरीजों की वास्तविक संख्या के संदर्भ में राज्यपाल ने कहा कि बीमारी से निपटने के ढुलमुल रवैये से राष्ट्रीय और वैश्विक स्तर पर राज्य को शर्मिंदगी झेलनी पड़ी है। उन्होंने लिखा कि अगर स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली की ऐसे ही लगातार अनदेखी होती रही, अगर अस्पताल आने वाले कोविड-19 के मामलों को ऐसे ही मना करते हुए उन्हें दबाया जाएगा, अगर पृथक-वास सुविधाएं नाम मात्र की ही होंगी और जांच ईमानदारी से नहीं की जाएगी और पहले से राजनीति की शिकार सार्वजनिक वितरण प्रणाली को लूट के लिये खुला छोड़ दिया जाएगा तो तबाही ‘‘हमारा इंतजार कर रही है।’’I would ever be in cooperation mode for welfare of the people of the State and work shoulder to shoulder @MamataOfficial Time to face challenges unitedly. All must give 100% in our endeavors to combat Coronavirus. https://t.co/deKNPKTUPW
— Governor West Bengal Jagdeep Dhankhar (@jdhankhar1) April 24, 2020
उन्होंने बनर्जी से कहा कि वह अपने राजनीति और टकराव के रुख को छोड़े और काम करने वाले अंदाज में आएं। धनखड़ ने पत्र में लिखा कि लोक प्रशासन और पुलिस अपने राजनीतिकरण के कारण प्रभावहीन हो चुके हैं और सत्ताधारी दल से नहीं जुड़े लोगों के मानवाधिकारों को एक तरह से निलंबित रख दिया गया है। ममता बनर्जी के शहर के विभिन्न हिस्सों में जाकर लोगों को घरों में रहने की सलाह देने पर निशाना साधते हुए धनखड़ ने कहा कि राज्य सरकार के मोर्चे पर वास्तविक काम किये जाने की जरूरत है न कि राजनीतिक दिखावे की। राज्यपाल ने अस्पताल के पृथक वार्डों में मोबाइल फोन पर पाबंदी की आलोचना करते हुए कहा कि वास्तविक तस्वीर को उजागर करने का समय आ गया है जिससे कोविड-19 के खिलाफ हमारी जंग को और मजबूत और धारदार बनाया जा सके। पश्चिमम बंगाल सरकार और राजभवन के बीच गुरुवार को टकराव सामना आया था जब ममता बनर्जी ने धनखड़ पर राज्य प्रशासन के काम में बार-बार दखल देने का आरोप लगाया जबकि राज्यपाल ने कहा कि राज्य को एक व्यक्ति की जागीर के तौर पर शासित नहीं किया जा सकता। बीते कुछ महीनों में राजभवन और सरकार में टकराव के इससे पहले भी कई मामले सामने आ चुके हैं।
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