कश्मीर के लोगों के साथ चाय पर चर्चा करें मोदीः शिवसेना
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सोमवार शाम राजग की बैठक में प्रधानमंत्री ने कश्मीर मुद्दे पर सहयोगी दलों को जानकारी दी। इस दौरान शिवसेना ने प्रधानमंत्री से कश्मीर के लोगों के साथ ‘चाय पर चर्चा’ करने को कहा।
कश्मीर घाटी में अशांति को लेकर विपक्ष के निशाने पर आए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि उनकी सराकर के पास छिपाने को कुछ नहीं है और इस स्थिति से निबटने के लिए वह सभी को विश्वास में लेगी। उन्होंने यह टिप्पणी सोमवार शाम राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के घटकों की एक बैठक में की। उससे पहले भाजपा संसदीय दल की बैठक में उन्होंने कहा कि सरकार जीएसटी पर सभी दलों से बातचीत करेगी और इसके पारित होने के पक्ष में सर्वसम्मति बनाने का प्रयास करेगी।
शिवसेना नेता संजय राउत ने संवाददाताओं से कहा कि मोदी ने कश्मीर में चल रही अशांति के बारे में बात की और उन्होंने भाजपा सहयोगियों से राय मांगी। राउत ने कहा, ‘‘उन्होंने कहा कि सरकार के पास इस मामले पर छिपाने को कुछ नहीं है और वह सभी को विश्वास में लेगी।’’ शिवसेना नेता ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री से कश्मीर के लोगों के साथ ‘चाय पर चर्चा’ करने को कहा है। लोगों ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के साथ ‘चाय पर चर्चा’ नहीं पसंद की, भले ही उनकी मंशा अच्छी ही क्यों न रही हो। शिवसेना का भाजपा के साथ तनावपूर्ण संबंध रहा है और उसने अक्सर विभिन्न मुद्दों पर मोदी सरकार पर हमला किया है।
सूचना एवं प्रसारण मंत्री एम वेंकैया नायडू ने संवाददाताओं से कहा कि मोदी ने राजग नेताओं को जीएसटी विधेयक का महत्व और उसे पारित करने की जरूरत के बारे में बताया। उन्होंने कहा, ‘‘सभी दल जीएसटी पर एक साथ हैं। प्रधानमंत्री ने उन्हें उसके महत्व और उसे पारित करने की जरूरत के बारे में विस्तार से बताया।’’ सरकार ने रविवार को सर्वदलीय बैठक में भी ऐसे ही बिंदु रखे थे।
वित्त मंत्री अरुण जेटली और संसदीय मामलों के मंत्री अनंत कुमार ने भी बैठक को संबोधित किया और नेताओं को सत्र के लिए सरकार के एजेंडा के बारे में बताया। इससे पहले दिन में, आला अधिकारी सूत्रों ने कहा कि जीएसटी विधेयक पर सर्वसम्मति बनाने के लिए विपक्षी दलों के साथ और बैठकें की जाएंगी। बैठक के बाद एक वरिष्ठ मंत्री ने कहा, ‘‘हमारी तरफ से हमने सभी राजनीतिक दलों को साफ कर दिया कि हम खुले दिल से और चर्चा के लिए तैयार हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘जीएसटी विधेयक पारित करने के लिए सभी राजनीतिक दल सकरात्मक दिखे।’'
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