पैंगांग सो इलाके से योजना के मुताबिक सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया जारी, 6-7 दिनों में पूरी होने की संभावना: सूत्र

Pangong Tso

सूत्रों ने कहा कि चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ने कई बंकर, अस्थायी चौकियां और अन्य ढांचों को उत्तरी किनारे वाले इलाकों से हटा लिया है और क्षेत्र में अपने सैनिकों की संख्या धीरे-धीरे कम कर रही है।

नयी दिल्ली। पूर्वी लद्दाख के पैंगांग सो (झील) के उत्तरी और दक्षिणी किनारों से भारत और चीन की सेनाओं की वापसी प्रक्रिया योजना के मुताबिक चल रही है और अगले छह से सात दिनों में वापसी की प्रक्रिया पूरी होने की उम्मीद है। यह जानकारी सोमवार को रक्षा सूत्रों ने दी। सूत्रों ने कहा कि चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने कई बंकर, अस्थायी चौकियां और अन्य ढांचों को उत्तरी किनारे वाले इलाकों से हटा लिया है और क्षेत्र में अपने सैनिकों की संख्या धीरे-धीरे कम कर रही है। उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों के फील्ड कमांडर लगभग रोजाना बैठक कर रहे हैं ताकि वापसी की प्रक्रिया को आगे बढ़ा सकें, जिसे नौ दौर की उच्चस्तरीय सैन्य वार्ता के बाद पिछले हफ्ते अंतिम रूप दिया गया था। 

इसे भी पढ़ें: पूर्वी लद्दाख के इलाकों से सैनिकों का पीछे हटना चीन के समक्ष आत्मसमर्पण है : एके एंटनी 

उन्होंने कहा कि पैंगांग सो के उत्तरी और दक्षिणी किनारों से वापसी की प्रक्रिया के पूरा होने में लगभग एक हफ्ते का समय लगेगा और दोनों पक्ष सैनिकों एवं उपकरणों की वापसी प्रक्रिया का सत्यापन कर रहे हैं। नौ महीने के गतिरोध के बाद दोनों देशों की सेनाएं पैंगांग सो के उत्तर और दक्षिण किनारों से वापसी पर रजामंद हुईं जिसके तहत दोनों पक्षों को ‘‘चरणबद्ध, समन्वित और सत्यापित’’ तरीके से सेनाओं को अग्रिम मोर्चे से हटाना है। वापसी की प्रक्रिया पिछले बुधवार को शुरू हुई थी।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बृहस्पतिवार को संसद में वापसी समझौते पर विस्तृत बयान दिया था। सिंह ने कहा था कि समझौते के मुताबिक चीन को उत्तरी किनारे पर ‘फिंगर आठ’ के पूर्वी इलाकों की तरफ सैनिकों को लेकर जाना है जबकि भारतीय सेना क्षेत्र में ‘फिंगर तीन’ के पास धन सिंह थापा पोस्ट स्थित स्थायी अड्डे पर लौटेगी। इसी तरह की कार्रवाई झील के दक्षिणी किनारे पर भी होगी। चीन की सेना ने पिछले वर्ष ‘फिंगर चार’ और ‘फिंगर आठ’ के बीच कई बंकर और अन्य ढांचे बना लिए और फिंगर चार के आगे भारतीय सैनिकों के गश्त पर जाने पर रोक लगा दी थी जिसके बाद भारतीय सेना ने कड़ी प्रतिक्रिया दी थी। नौ दौर की सैन्य वार्ता में भारत ने विशेष रूप से जोर दिया कि चीन की सेना पैंगांग झील के उत्तरी किनारे पर ‘फिंगर चार’ और ‘फिंगर आठ’ के बीच से हटे। इलाके में पहाड़ों की चोटियों को फिंगर नाम से जाना जाता है। 

इसे भी पढ़ें: रक्षा मामलों की संसदीय समिति का फैसला, पैंगोंग झील और गलवान घाटी का करेंगे दौरा 

सूत्रों ने बताया कि वापसी की प्रक्रिया के बाद दोनों पक्ष तनाव कम करने की प्रक्रिया पर वार्ता करेंगे। रक्षा मंत्री सिंह ने संसद में कहा था कि पैंगांग झील इलाके से वापसी की प्रक्रिया पूरी होने के 48 घंटे के भीतर दोनों पक्षों के वरिष्ठ कमांडरों की अगली बैठक पर सहमति बनी है ताकि शेषमुद्दों का भी समाधान निकाला जा सके।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़