सत्ता में आने पर विवादित जन सुरक्षा कानून को करेंगे रद्द: उमर
उत्तर कश्मीर में बारामुला जिले के छिजमा गांव में यहां एक जन सभा को संबोधित करते हुए उमर ने कहा कि वह राज्य में ऐसा माहौल बनाना चाहते हैं जहां लोग मुक्त रूप से बात कर सकें।
राफियाबाद। नेशनल कांफ्रेंस उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने बृहस्पतिवार को कहा कि चुनाव के बाद यदि उनकी पार्टी सत्ता में आती है तो 2015 से जम्मू कश्मीर के युवाओं के खिलाफ दर्ज मामलों की समीक्षा की जाएगी और उन पर एफआईआर रद्द होगी। दरअसल, राज्य में पीडीपी - भाजपा गठबंधन के सत्ता में आने के बाद ये मामले दर्ज किए गए थे।
उत्तर कश्मीर में बारामुला जिले के छिजमा गांव में यहां एक जन सभा को संबोधित करते हुए उमर ने कहा कि वह राज्य में ऐसा माहौल बनाना चाहते हैं जहां लोग मुक्त रूप से बात कर सकें। उन्होंने अपना यह वादा भी दोहराया कि यदि उनकी पार्टी सत्ता में लौटती है तो विवादित जन सुरक्षा कानून (पीएसए) को रद्द कर दिया जाएगा। नेकां ने राज्य के लोगों से पीएसए हटाने का वादा किया है क्योंकि इस कानून के तहत हमारे युवाओं को गिरफ्तार किया गया।
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उमर ने कहा कि जम्मू कश्मीर के लोग राज्य के विशेष दर्जे की हिफाजत के लिए पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती पर भरोसा नहीं कर सकते। पीडीपी प्रमुख पर प्रहार करते हुए उन्होंने कहा कि जुलाई 2008 में संसद में विश्वासमत पर चर्चा के दौरान मुझे और महबूबा को भी बोलने का मौका मिला था। उन्होंने बताया, ‘‘मैंने करीब पांच मिनट बोला था लेकिन जब स्पीकर ने महबूबा को बोलने को कहा तब उन्होंने कहा था, ‘मैं क्या कह सकती हूं?’ और बैठ गईं। क्या हमें ऐसे प्रतिनिधियों की जरूरत है जो वहां जाएं और चुप रहें।
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