जिला प्रशासन ने भाजपा विधायक के रिसोर्ट का अतिक्रमण तोड़ा

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[email protected] । Mar 7 2020 3:19PM

शनिवार सुबह को उमरिया जिले में बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के ताला गांव में स्थित पाठक परिवार के स्वामित्व वाले सायना रिसोर्ट के एक हिस्से को कथित तौर पर अतिक्रमण वाला बताते हुए जिला प्रशासन ने बुलडोजर की मदद से ध्वस्त कर दिया।

उमरिया। मध्य प्रदेश के उमरिया जिला प्रशासन ने बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के ताला गांव में स्थित भाजपा विधायक एवं प्रदेश के पूर्व मंत्री संजय पाठक के रिसॉर्ट के एक हिस्से का कथित अतिक्रमण कर शनिवार सुबह को बुलडोजर से तोड़कर हटा दिया। इससे पहले कांग्रेस ने बुधवार को भाजपा के वरिष्ठ नेता शिवराज सिंह चौहान और संजय पाठक सहित अन्य भाजपा नेताओं पर प्रदेश की कांग्रेस सरकार गिराने के लिए विधायकों की खरीद-फरोख्त करने की कोशिश करने का आरोप लगाया था। शनिवार सुबह को उमरिया जिले में बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के ताला गांव में स्थित पाठक परिवार के स्वामित्व वाले सायना रिसोर्ट के एक हिस्से को कथित तौर पर अतिक्रमण वाला बताते हुए जिला प्रशासन ने बुलडोजर की मदद से ध्वस्त कर दिया।

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जिला कलेक्टर स्वरोचिष सोमवंशी ने इस बारे में बताया, ‘‘यह अतिक्रमण हटाने की एक नियमित प्रक्रिया थी। मानपुर के तहसीलदार ने 12 फरवरी को नोटिस जारी कर सायना रिसोर्ट के संचालकों को सात दिन में अतिक्रमण हटाने और 50,000 रुपये जुर्माने की राशि अदा करने के लिए कहा गया था। इस आदेश के बाद सायना रिसोर्ट को इस बारे में सूचना देने के बाद शनिवार सुबह को अतिक्रमण हटा दिया गया।’’ उन्होंने कहा कि इसके साथ ही इलाके के दस अन्य रिसोर्ट के खिलाफ भी कार्रवाई की जा रही है और शनिवार को पूरे दिन अतिक्रमण हटाने का काम जारी रहेगा। उमरिया जिला भाजपा अध्यक्ष मनीष सिंह ने इस कार्रवाई को दुर्भावनापूर्ण करार दिया है। सिंह ने कहा, ‘‘प्रदेश सरकार द्वारा बदले की कार्रवाई के तहत पाठक के रिसार्ट पर तोड़फोड़ की गई है। कांग्रेस शासनकाल में ना केवल भाजपा नेताओं बल्कि भाजपा कार्यकर्ताओं और अन्य नेताओं को भी परेशान करने की साजिश की जा रही है। विधायकों को ही नहीं बल्कि उनके परिवारों को भी परेशान किया जा रहा है और यह लोकतंत्र की हत्या है।’’

वहीं, दूसरी ओर प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता पंकज चतुर्वेदी ने इसे कानून के अनुसार कार्रवाई बताया। उन्होने कहा, ‘‘बांधवगढ़ में सरकारी जमीन पर किए गए अतिक्रमण को कानून के तहत हटाया गया है। इसी प्रकार, दो दिन पहले पाठक के खदानों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार कार्रवाई की गई थी। इसमें राजनीतिक प्रतिशोध जैसा कुछ नहीं है। वे सहानुभूति हासिल करने के लिए झूठा रोना रो सकते हैं।’’ मालूम हो इससे पहले मंगलवार रात को मध्यप्रदेश में चले सियासी नाटक के बाद जबलपुर जिले के अधिकारियों ने पाठक की कंपनी की दो लौह अयस्क खदानों को बंद करने का आदेश दिया था। भाजपा विधायक संजय पाठक पूर्व में कांग्रेस के विधायक थे। मध्यप्रदेश में शिवराज सिंह चौहान के शासन काल में वह भाजपा में शामिल हो गए और प्रदेश की भाजपा सरकार में मंत्री भी बने। उसके बाद से वह भाजपा में हैं। संजय पाठक प्रदेश के सबसे धनी विधायक हैं और उनका खदान का पुश्तैनी कारोबार है।

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