DMK ने हवाई अड्डों के निजीकरण के केंद्र के फैसले का किया विरोध, बोले- यह राज्य के अधिकारों का हनन है
द्रमुक प्रमुख एम. के. स्टालिन ने कहा कि केन्द्र के हवाईअड्डों के निजीकरण का एक तरफा फैसला राज्य के अधिकारों तथा स्वायत्तता का हनन है।
चेन्नई। तमिलनाडु में विपक्षी दल द्रमुक ने केन्द्र सरकार के हवाईअड्डों का ‘‘निजीकरण’’ करने के फैसले का शुक्रवार को विरोध करते हुए कहा कि यह कदम ‘‘राज्य से उसके अधिकार और स्वायत्तता को छीनता है’’। केन्द्र की ओर स्पष्ट इशारा करते हुए द्रमुक प्रमुख एम. के. स्टालिन ने इस फैसले को ‘‘एकतरफा’’ करार दिया और इसे वापस लिए जाने की मांग की। केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने तीन और हवाई अड्डों जयपुर, गुवाहाटी और तिरुवनंतपुरम को सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) के माध्यम से पट्टे पर देने के प्रस्ताव को बुधवार को मंजूरी दी थी। उन्होंने एक ट्वीट में कहा, ‘‘ केन्द्र के हवाईअड्डों के निजीकरण का एक तरफा फैसला राज्य के अधिकारों तथा स्वायत्तता का हनन है।’’
इसे भी पढ़ें: जयपुर, गुवाहाटी, तिरुवनंतपुरम हवाईअड्डे को लीज पर देने के प्रस्ताव को सरकार ने दी मंजूरी
स्टालिन ने कहा, ‘‘ यह 2003 के उस संकल्प का उल्लंघन करता है, जिसमें कहा गया था कि हवाईअड्डों के निजीकरण का कोई भी फैसला राज्य सरकार से परामर्श के बाद लिया जाएगा और इसे वापस लिया जाना चाहिए।’’ इससे पहले केरल की सत्तारूढ़ पार्टी माकपा ने भी बृहस्पतिवार को सभी दलों की एक बैठक बुला तिरुवंनतपुरम हवाईअड्डे के निजीकरण के केन्द्रीय मंत्रिमंडल के फैसले को वापस लिए जाने की मांग की थी। गौरतलब है कि ‘अडानी एंटरप्राइजेज’ ने 14 फरवरी 2020 को एएआई के साथ तीन हवाई अड्डों ‘अहमदाबाद, मंगलुरु और लखनऊ’ के लिये समझौते पर हस्ताक्षर किये थे। मंत्रिमंडल ने इन तीन हवाई अड्डों को अडाणी को पट्टे पर देने के प्रस्ताव को जुलाई 2019 में मंजूरी दी थी।
The Center's unilateral decision to privatise airports usurps the rights and autonomy from the State.
— M.K.Stalin (@mkstalin) August 21, 2020
It violates the pledge made in 2003 that any proposal concerning airport privatisation would be made only in consultation with the state government and must be revoked. https://t.co/wd3hfPapoh
अन्य न्यूज़