गोवा मुद्दे पर चर्चा की अनुमति न देना अन्यायपूर्ण: दिग्विजय
कांग्रेस सदस्य दिग्विजय सिंह ने आज राज्यसभा में गोवा की राज्यपाल की भूमिका पर चर्चा करने के लिए दिए गए अपने विशिष्ट प्रस्ताव को सूचीबद्ध न किए जाने का मुद्दा उठाया।
कांग्रेस सदस्य दिग्विजय सिंह ने आज राज्यसभा में गोवा की राज्यपाल की भूमिका पर चर्चा करने के लिए दिए गए अपने विशिष्ट प्रस्ताव को सूचीबद्ध न किए जाने का मुद्दा उठाते हुए आसन पर अपने प्रति ‘अन्यायपूर्ण’ रवैया अपनाने का आरोप लगाया। आसन की ओर से हालांकि कहा गया कि इस बारे में आसन कुछ नहीं कर सकता क्योंकि सरकार की ओर से समय मिलने के बाद ही प्रस्ताव को चर्चा के लिए सूचीबद्ध किया जा सकता है।
बैठक शुरू होने पर सिंह ने व्यवस्था के प्रश्न के तहत यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि बुधवार को संसद के बजट सत्र का आखिरी दिन है और गोवा की राज्यपाल की भूमिका पर चर्चा करने के लिए दिए गए उनके विशिष्ट प्रस्ताव को अब तक सूचीबद्ध नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि उनके प्रस्ताव को आसन ने स्वीकार तो कर लिया लेकिन उसे चर्चा के लिए अब तक सूचीबद्ध नहीं किया गया है जबकि कल संसद के बजट सत्र का आखिरी दिन है। उन्होंने कहा ‘‘गोवा की राज्यपाल ने असंवैधानिक तरीके से काम किया और विधानसभा चुनाव में अकेले सबसे बड़े दल के तौर पर उभरी पार्टी को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित नहीं किया। वह सरकारिया आयोग की सिफारिशों के खिलाफ गईं।’’
सिंह ने गोवा की राज्यपाल पर लोकतंत्र की हत्या करने का आरोप लगाते हुए कहा ‘‘क्या मुझे यह मुद्दा उठाने का अधिकार नहीं है। मुझे (प्रस्ताव सूचीबद्ध न किए जाने के लिए) किसे दोषी ठहराना चाहिए। मेरे अधिकार का हनन किया जा रहा है।’’ उन्होंने कहा ‘‘आसन का रूख मेरे प्रति अन्यायपूर्ण है।’’ इस पर कुरियन ने कहा कि जब तक सरकार की ओर से समय नहीं मिलता, तब तक आसन कुछ नहीं कर सकता। उन्होंने कहा ‘‘एक प्रक्रिया होती है। सरकार समय देती है। समय नहीं मिला तो मैं क्या कर सकता हूं।’’ साथ ही कुरियन ने कहा कि अन्य प्रस्ताव भी लंबित पड़े हैं। सिंह ने आसन से कहा कि वह सदन की भावना को ध्यान में रखते हुए समय तय करें। इस पर कुरियन ने कहा कि ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है। कुरियन ने कहा ‘‘सभापति (चर्चा के लिए) अकेले ही समय तय नहीं कर सकते। उन्हें सरकार से परामर्श करना होता है।’’
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