पता नहीं केंद्रीय मंत्रिपरिषद से क्यों हटाया गया: वासवा

[email protected] । Jul 5 2016 5:33PM

मोदी के मंत्रिमंडल से हटाये जाने वाले गुजरात के प्रमुख आदिवासी नेता मनसुखभाई वासवा ने आज कहा कि उन्हें इस बारे में कुछ भी पता नहीं है कि केंद्रीय मंत्रिमंडल से उन्हें क्यों हटाया गया।

अहमदाबाद। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मंत्रिमंडल से हटाये जाने वाले गुजरात के प्रमुख आदिवासी नेता मनसुखभाई वासवा ने आज कहा कि उन्हें इस बारे में कुछ भी पता नहीं है कि केंद्रीय मंत्रिमंडल से उन्हें क्यों हटाया गया लेकिन स्वीकार किया कि वह विपरीत माहौल में काम कर रहे थे। वासवा ने कहा कि तीन महीने पहले उन्हों गुजरात की मुख्यमंत्री आनंदी बेन पटेल को पत्र लिखकर राज्य में आदिवासी कल्याण से संबंधित शिकायतों को दूर नहीं करने की स्थिति में अपने पद से त्यागपत्र देने की धमकी दी थी।

उन्होंने कहा, ''मुझे इस बारे में कुछ भी पता नहीं है कि मुझे पद छोड़ने को क्यों कहा गया और इस बारे में पार्टी हाईकमान से स्थिति स्पष्ट करने की मांग करेंगे। आदिवासी मंत्री के रूप में मैंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में आदिवासी समुदाय और क्षेत्र के लाभ के लिए सब कुछ किया।’’ उन्होंने कहा, ''लेकिन मैं अपने ही मंत्रालय में विपरीत परिस्थितियों में काम कर रहा था।’’

केंद्रीय मंत्रिमंडल के विस्तार और फेरबदल में आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वासवा को मंत्रिपरिषद से हटा दिया और राज्य से ही एक अन्य आदिवासी चेहरे जसवंत सिंह भाभोर को शामिल किया। मध्य गुजरात के भरूच क्षेत्र से सांसद वासवा आदिवासी मामलों के राज्यमंत्री थे और राज्य के पूर्वी क्षेत्र में आदिवासियों की स्थिति सुधारने के संबंध में उनकी बार बार की अपीलों पर काम नहीं करने के लिए गुजरात सरकार की आलोचना करते रहे हैं। उन्होंने कहा कि वह मंत्रालय के कामकाज में पारदर्शिता लाना चाहते थे लेकिन इस प्रयास में उनका समर्थन नहीं किया गया। वासवा ने कहा कि वह आदिवासियों के लिए एकलव्य आदर्श आवासीय स्कूल की स्थिति से खुश नहीं थे जिसका वित्त पोषण केंद्र सरकार करती है लेकिन संचालन राज्य सरकारें करती हैं।

उन्होंने कहा कि जब मैंने पाया कि गुजरात में विशेष तौर पर आदिवासी क्षेत्रों में स्कूली शिक्षा की स्थिति ठीक नहीं है। बच्चों को उपयुक्त शिक्षा नहीं मिलती है। कुछ ही स्थायी शिक्षक हैं और कई स्कूलों में गणित, विज्ञान और अंग्रेजी के शिक्षक नहीं है। कई राज्यों में एकल्व्य विद्यालय ठीक से काम नहीं कर रहे हैं और गुजरात में स्थिति काफी खराब है। इसके बारे में मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल को पत्र लिखा लेकिन कोई जवाब नहीं आया।

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