न्यायाधीशों के बीच मतभेदों का राजनीतिकरण ना हो: रविशंकर प्रसाद
केन्द्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने आज कहा कि न्यायाधीशों के बीच मतभेदों को न्यायपालिका की ‘‘दूरदर्शिता और विवेक’’ के लिए छोड़ देना चाहिए और इसका ‘‘राजनीतिकरण’’ नहीं होना चाहिए।
नयी दिल्ली। केन्द्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने आज कहा कि न्यायाधीशों के बीच मतभेदों को न्यायपालिका की ‘‘दूरदर्शिता और विवेक’’ के लिए छोड़ देना चाहिए और इसका ‘‘राजनीतिकरण’’ नहीं होना चाहिए। विधि एवं न्याय तथा इलेक्ट्रानिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालयों का जिम्मा संभाल रहे प्रसाद ने कहा कि राजनीतिक संगठन द्वारा राजनीतिकरण या हस्तक्षेप न्यायपालिका की निष्पक्षता को प्रभावित करेगा जबकि वह भारतीय लोकतंत्र का अभिन्न हिस्सा है।
प्रसाद ने कहा, ‘‘न्यायाधीशों के बीच मतभेद होंगे। अतीत में भी रहे हैं। लेकिन हमें मतभेदों को दूर करने तथा इन्हें सुलझाने के लिए न्यायपालिका की ही दूरदृष्टि और विवेक पर भरोसा करना होगा। राजनीतिक प्रक्रिया को कभी हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए।’’
प्रसाद दिल्ली उच्च न्यायालय की नई आधुनिक सुविधाओं से लैस , पर्यावरण एवं दिव्यांग अनुकूल इमारत के उद्घाटन के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में लोगों को संबोधित कर रहे थे। इसे मौके पर प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी मौजूद थे।
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