जब अखिलेश के साथ बढ़े विवाद के बाद शिवपाल यादव ने छोड़ी थी समाजवादी पार्टी

Shivpal  Yadav
प्रतिरूप फोटो

अपने बड़े भाई और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के साथ समाजवादी पार्टी को मज़बूत करने वाले शिवपाल यादव का भतीजे अखिलेश से मोहभंग हो गया है। कुछ साल पहले शिवपाल ने प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (प्रसपा) का गठन किया था लेकिन 2022 के चुनावों में शिवपाल ने समाजवादी पार्टी की टिकट पर ही चुनाव लड़ा।

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में हाल ही में विधानसभा चुनाव सम्पन्न हुए हैं और समाजवादी पार्टी को मुंह की खानी पड़ी है। इस चुनाव के शुरू होने से ख़त्म होने तक सबसे ज़्यादा अगर किसी को नुक़सान हुआ है तो वो है समाजवादी पार्टी। समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू अपर्णा यादव भाजपा में शामिल हो गईं और चुनाव के बाद अखिलेश यादव के चाचा शिवपाल यादव की भाजपा के साथ नजदीकियां बढ़ गईं। 

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अपने बड़े भाई और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के साथ समाजवादी पार्टी को मज़बूत करने वाले शिवपाल यादव का भतीजे अखिलेश से मोहभंग हो गया है। कुछ साल पहले शिवपाल ने प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (प्रसपा) का गठन किया था लेकिन 2022 के चुनावों में शिवपाल ने समाजवादी पार्टी की टिकट पर ही चुनाव लड़ा। ऐसे में आज हम आपको शिवपाल यादव के राजनैतिक सफ़र की कहानी सुनाने वाले हैं।

कौन हैं शिवपाल यादव ?

शिवपाल यादव समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष से लेकर समाजवादी सरकार में मंत्री तक रह चुके हैं लेकिन उनके जीवन में ऐसा उतार-चढ़ाव आया कि उन्हें वर्चस्व की लड़ाई में अखिलेश यादव से मुंह की खानी पड़ी। शिवपाल यादव का जन्म 6 अप्रैल, 1955 को इटावा ज़िले के सैफई गांव में हुआ था। उनके पिता सुधर सिंह के चार बेटे और एक बेटी हैं, जिनमें मुलायम सिंह यादव सबसे बड़े तो शिवपाल यादव सबसे छोटे हैं। शिवपाल यादव की प्रारंभिक शिक्षा प्राथमिक पाठशाला में हुई। इसके बाद मैनपुरी से उन्होंने हाई स्कूल और इंटरमीडिएट की पढ़ाई की। फिर उन्हें कॉलेज की पढ़ाई के लिए इटावा और लखनऊ जाना पड़ा था।

शिवपाल यादव मुलायम सिंह यादव की सुरक्षा से लेकर उनकी राजनैतिक रैलियों तक का आयोजन किया करते थे। इसे आप इस तरह समझ सकते हैं कि मुलायम सिंह यादव का राजनैतिक जीवन शिवपाल यादव के बग़ैर अधूरा था। शिवपाल यादव ने साहकारिता की राजनीति से मुख्यधारा की राजनीति में प्रवेश किया था।

उन्होंने 1996 में पहली दफ़ा जसवंतनगर सीट से विधानसभा का चुनाव लड़ा था और उसमें जीत दर्ज की थी। इसी साल उन्हें समाजवादी पार्टी का प्रदेश महासचिव भी बनाया गया था। समाजवादी पार्टी की आज जितनी भी पहचान है वो मुलायम सिंह यादव और शिवपाल यादव ने गाँव गाँव तक साइकिल से यात्रा करके बनाई है। इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। इस बार के चुनाव में शिवपाल यादव ने लगातार छठीं बार जयवंतनगर सीट से चुनाव जीता है। उन्‍होंने भाजपा प्रत्याशी विवेक शाक्‍य को करीब 90,000 से अधिक वोटों से शिकस्त दी है। 

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जब छोड़ी थी समाजवादी पार्टी

शिवपाल यादव ने अखिलेश यादव के साथ हुए विवाद के बाद समाजवादी पार्टी छोड़ दी थी और अपनी खुद की पार्टी प्रसपा का गठन किया था। लेकिन साल 2022 के चुनावों से पहले शिवपाल यादव ने समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन कर लिया था और साइकिल चिह्न पर ही चुनाव लड़ा था। चुनाव के दौरान शिवपाल यादव अपने भतीजे के साथ खड़े हुए दिखाई दे रहे थे लेकिन चुनाव के बाद एकबार फिर से दोनों के बीच दूरियां बढ़ गई हैं।

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