AIIMS के बाहर डॉक्टरों ने NMC विधेयक के विरोध में किया प्रदर्शन
आईएमए ने कहा कि यह विधेयक ‘‘गरीब और छात्र विरोधी’’ है तथा मौजूदा संस्करण में सिर्फ दिखावटी बदलाव किये गये हैं जबकि चिकित्सा बिरादरी द्वारा उठायी गयी मूल चिंताएं अब भी जस की तस हैं।
नयी दिल्ली। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के आह्वान पर राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) विधेयक, 2019 के विरोध में समूचे देश से 5,000 से अधिक डॉक्टरों, मेडिकल छात्रों और स्वास्थ्य क्षेत्र से जुड़े पेशेवरों ने यहां एम्स से निर्माण विहार तक मार्च निकालकर प्रदर्शन में हिस्सा लिया। आईएमए देश में डॉक्टरों और मेडिकल छात्रों की सबसे बड़ी संस्था है, जिसमें करीब तीन लाख सदस्य हैं। एनएमसी विधेयक मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआई) की जगह लेगा और आईएमए इस विधेयक का विरोध कर रहा है।
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आईएमए के राष्ट्रीय अध्यक्ष शांतनु सेन ने कहा, ‘‘एनएमसी, मेडिकल शिक्षा प्रणाली में पेश किया गया अब तक सबसे खराब विधेयक है और दुर्भाग्य से स्वास्थ्य मंत्री जो खुद एक डॉक्टर हैं, वह अपनी ही शिक्षा प्रणाली को नष्ट करने पर आमादा हैं। हम लोग किसी भी कीमत पर इस अत्याचार को स्वीकार नहीं करेंगे।’’ प्रदर्शनकारियों को निर्माण भवन के पास हिरासत में लिया गया और बाद में उन्हें छोड़ दिया गया। आईएमए के राष्ट्रीय अध्यक्ष (निर्वाचित) डॉ. राजन शर्मा ने कहा कि विधेयक में धारा 32 को जोड़े जाने से सिर्फ नीम हकीमी को वैधता मिल जायेगी जिससे आम जनता का जीवन खतरे में पड़ सकता है।
Delhi: Doctors hold protest against the National Medical Commission (NMC) Bill, 2019, outside Nirman Bhawan. pic.twitter.com/wNiUViGvRY
— ANI (@ANI) July 29, 2019
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