आत्मघाती हमलावर के जैसा है शराब पीकर गाड़ी चलाना: अदालत
एक सत्र अदालत ने कहा कि शराब पीकर गाड़ी चलाने वाले ''आत्मघाती हमलावर'' से कम नहीं है और उदारता दिखाने से इंकार करते हुये ऐसे ही एक आरोपी की पांच दिन जेल की सजा को बरकरार रखा।
एक सत्र अदालत ने कहा कि शराब पीकर गाड़ी चलाने वाले 'आत्मघाती हमलावर' से कम नहीं है और उदारता दिखाने से इंकार करते हुये ऐसे ही एक आरोपी की पांच दिन जेल की सजा को बरकरार रखा। जिला एवं सत्र न्यायाधीश गिरिश कठपालिया ने कहा, 'शराब पीकर गाड़ी चलाना एक निर्धारित अपराध नहीं है लेकिन एक गंभीर समाजिक खतरा है। शराब पीकर वाहन चलाने वाला व्यक्ति ना केवल अपने जीवन को जोखिम में डालता है बल्कि सड़क पर चलने वाले दूसरे के जीवन से भी खेलता है।'
उन्होंने कहा, 'ऐसे हादसों का शिकार सड़क का इस्तेमाल करने वाले लोग और साथ ही शराब पीकर गाड़ी चलाने वाले ड्राइवर का परिवार निर्दोष होता है। सड़कों पर चलने वाले ऐसे चालक किसी आत्मघाती हमलावरों से कम नहीं हैं।' न्यायाधीश ने कहा कि अदालत, 'शराब पीकर गाड़ी चलाने के खतरनाक नतीजों को खारिज नहीं कर सकती।' अदालत ने यह निर्णय मोटर वाहन अधिनियम के तहत शराब पीकर गाड़ी चलाने के दोषी सचिन कुमार की अपील पर सुनाया जिन्होंने परिवीक्षा पर छोड़ने की मांग की थी। हालांकि, उन्होंने अपनी सजा को चुनौती नहीं दी थी क्योंकि उन्होंने शराब पीकर गाड़ी चलाने की बात स्वीकार की थी।
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