केकड़ों की वजह से तिवारे बांध दुर्घटना घटी: जल संरक्षण मंत्री

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[email protected] । Jul 5 2019 2:18PM

मंत्री ने कहा, ‘‘ मात्र आठ घंटे के भीतर 192 मिमी बारिश हुई जो कि बांध जलग्रहण क्षेत्र में रिकॉर्ड है। मुझे मिली जानकारी के अनुसार बांध का पानी पिछले आठ घंटे में आठ मीटर बढ़ा है। ग्रामीणों को इसके बादल फटने के कारण होने की आशंका भी है।’’ मंत्री ने कहा कि हालांकि इसकी चर्चा समिति में की जाएगी।

मुम्बई। महाराष्ट्र के मंत्री तानाजी सावंत ने तटीय रत्नागिरी जिले में तिवारे बांध में दारार पड़ने की घटना को ‘‘प्राकृतिक आपदा’’ बताते हुए कहा कि केकड़ों ने बांध की दीवारों को कमजोर कर दिया था, इसलिए ऐसा हुआ है। इस हादसे में अभी तक 18 लोगों की मौत हुई है। नवनिर्वाचित जल संरक्षण मंत्री ने यह भी कहा कि किस्मत में जो लिखा है वही होगा। सावंत ने गुरुवार को पत्रकारों से बातचीत में कहा कि अधिकारियों और स्थानीय लोगों ने उन्हें बताया है कि बड़ी संख्या में केकड़ों ने बांध की दीवार को कमजोर कर दिया है। उन्होंने कहा, ‘‘बड़ी संख्या में केकड़ों ने दीवार को कमजोर कर दिया है। इसकी सूचना सरकार को मिलते ही कई एहतियाती उपाय किए गए।’’

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उन्होंने कहा, ‘‘मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस द्वारा गठित एसआईटी जल्द इस पर रिपोर्ट पेश करेगी और हमें जल्द पता चल पाएगा कि क्या दिक्कत आयी है।’’ चिपलुन तालुका में स्थित बांध में तटीय कोंकण क्षेत्र में मूसलाधार बारिश के कारण मंगलवार रात दरार आ गयी थी। मंत्री ने कहा, ‘‘ मात्र आठ घंटे के भीतर 192 मिमी बारिश हुई जो कि बांध जलग्रहण क्षेत्र में रिकॉर्ड है। मुझे मिली जानकारी के अनुसार बांध का पानी पिछले आठ घंटे में आठ मीटर बढ़ा है। ग्रामीणों को इसके बादल फटने के कारण होने की आशंका भी है।’’ मंत्री ने कहा कि हालांकि इसकी चर्चा समिति में की जाएगी।

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उन्होंने कहा, ‘‘ यह एक दुर्घटना थी, लेकिन मुझे लगता है कि आप अपनी किस्मत नहीं बदल सकते। जो भी होना है, वह होगा। यह एक प्राकृतिक आपदा की तरह है।’’ बांध की मरम्मत का काम खराब तरीके से होने के सवाल पर उन्होंने कहा, ‘‘ हमें इसका एहसास तब हुआ जब बांध में पानी जमा होने लगा।’’ गौरतलब है कि जल संसाधन मंत्री गिरीश महाजन ने पिछले साल पुणे में मुथा नहर की दाहिनी दीवार गिरने के लिए चूहों को जिम्मेदार ठहरा कर एक विवाद खड़ा कर दिया था।

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