अर्थव्यवस्था में मौजूदा सुस्ती नोटबंदी और खराब तरीके से जीएसटी को लागू करने की वजह से हुए: मित्रा

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[email protected] । Sep 23 2019 5:44PM

मित्रा ने कहा कि आईएलएंडएफएस के संकट की वजह से एनबीएफसी क्षेत्र नकदी संकट का सामना कर रहा है। प्रत्यक्ष कर संग्रह के बारे में मित्रा ने कहा कि सरकार अभी तक सिर्फ 4.7 प्रतिशत अधिक कर जुटा पाई है। इसका बजटीय लक्ष्य 17.3 प्रतिशत वृद्धि का है।

कोलकाता। पश्चिम बंगाल के वित्त मंत्री अमित मित्रा ने सोमवार को कहा कि अर्थव्यवस्था में मौजूदा सुस्ती की वजह ‘चक्रीय’ नहीं बल्कि संरचनात्मक बदलावों की वजह से है।  मित्रा ने बंगाल चैंबर आफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज की वार्षिक बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि ये संरचनात्मक बदलाव नोटबंदी और ‘खराब तरीके’ से जीएसटी को लागू करने की वजह से हुए हैं। इसके अलावा आईएलएंडएफएस के ‘ढहने’ से पूरा एनबीएफसी क्षेत्र प्रभावित हुआ है।  उन्होंने कहा, ‘‘अर्थव्यवस्था में सुस्ती चक्रीय नहीं संरचनात्मक है। यह संरचनात्मक बदलाव नोटबंदी, जीएसटी को हड़बड़ी में खराब तरीके से लागू करने और आईएलएंडएफएस संकट की वजह से हुआ है।’’  उन्होंने कहा कि जब अर्थव्यवस्था उभर रही थी तो इसे नोटबंदी से झटका लगा। इससे जीडीपी की वृद्धि दर 8.15 से घटकर 7.17 प्रतिशत पर आ गई।

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उन्होंने कहा कि एक और बड़ा संरचनात्मक बदलाव तब हुआ जब जीएसटी को लागू किया गया।  मित्रा ने बताया कि उन्होंने माल एवं सेवा कर नेटवर्क (जीएसटीएन) के चेयरमैन से बात की थी जिन्होंने कहा था कि जिस समय जीएसटी का क्रियान्वयन किया गया, उस वक्त देश इसके लिए तैयार नहीं था।  उन्होंने कहा, ‘‘सरकार ने लोकतंत्र में एकतरफा फैसला किया और जीएसटी को एक जुलाई, 2017 से लागू कर दिया।’’  मित्रा ने कहा कि आईएलएंडएफएस के संकट की वजह से एनबीएफसी क्षेत्र नकदी संकट का सामना कर रहा है।  प्रत्यक्ष कर संग्रह के बारे में मित्रा ने कहा कि सरकार अभी तक सिर्फ 4.7 प्रतिशत अधिक कर जुटा पाई है। इसका बजटीय लक्ष्य 17.3 प्रतिशत वृद्धि का है। इस लक्ष्य को पाने के लिए शेष वित्त वर्ष में प्रत्यक्ष कर संग्रह में 27 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज करनी होगा।  उन्होंने सवाल किया कि सुस्ती से जूझ रही अर्थव्यवस्था के लिए क्या यह लक्ष्य पाना संभव है। 

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