देशभर में हर्षोल्लास से मना दशहरा, पुतले जलाते समय लोगों ने पर्यावरण का भी रखा ध्यान
मैसुरू में दशहरे का 10 दिवसीय उत्सव मंगलवार को समाप्त हुआ। यहां भव्य शोभायात्रा निकाली गई थी। मध्य प्रदेश के कई हिस्सों में पुतले जलाने के दौरान बारिश बाधा बनी। यहां के पुतलों को इस तरह से बनाया गया था कि एक बार इस्तेमाल होने वाले प्लास्टिक के खिलाफ लोग जागरुक हो सकें।
नयी दिल्ली। देश के अलग-अलग हिस्सों में मंगलवार को दशहरा के मौके पर रावण, उसके बेटे मेघनाद और उसके भाई कुंभकर्ण के पुतले जलाकर लोगों ने बुराई पर अच्छाई की जीत का उत्सव मनाया। देश के कई हिस्सों में लोगों ने पुतले जलाने के दौरान पर्यावरण संरक्षण को भी ध्यान में रखा और हरित पटाखे जलाए। लोगों की भीड़ ने दशहरे पर अलग-अलग मैदानों पर स्थापित किए गए रावण के पुतलों को पटाखों की आवाज के बीच गिरते हुए देखकर तालियां बजाई। हालांकि कई हिस्सों में पारंपरिक पटाखे का इस्तेमाल नहीं किया गया। राष्ट्रीय राजधानी में या तो हरित पटाखों का इस्तेमाल हुआ या फिर पटाखों का इस्तेमाल ही नहीं किया गया। चार दिन तक चलने वाली दुर्गा पूजा का भी समापन मंगलवार को हो गया। मूर्ति विसर्जन के लिए मंगलवार को नदियों और तालाबों के किनारे लोगों की भीड़ देखी गई। दशहरा और दुर्गा पूजा को ध्यान में रखते हुए देश के विभिन्न हिस्सों में सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए। प्रधानमंत्री मोदी ने द्वारका श्री राम लीला सोसाइटी में आयोजित दशहरा समारोह में बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक के रूप में रावण, कुम्भकर्ण और मेघनाद के पुतले जलाए गए। प्रधानमंत्री मोदी ने मंगलवार को लोगों से अपील की कि वे नवरात्र की भावना को आगे ले जाते हुए महिलाओं को और सशक्त बनाने एवं उनकी गरिमा की रक्षा करने के लिए काम करें। उन्होंने लोगों से अपील की कि महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए वे खाना बर्बाद नहीं करने, ऊर्जा एवं जल का संरक्षण करने और एक बार इस्तेमाल होने वाली प्लास्टिक का प्रयोग बंद करने का संकल्प लें।
Bhubaneswar: A 40-feet Ravana poster was erected at Nayapalli area instead of an effigy. A man later climbed up and tore it instead of burning it, to celebrate pollution free #VijayaDashami (08.10) #Odisha pic.twitter.com/529ZmHEj9j
— ANI (@ANI) October 8, 2019
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने यहां इंद्रप्रस्थ में आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लिया। वहीं उप राष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और पार्टी नेता राहुल गांधी ने भीलोगों को इस अवसर पर शुभकामनाएं दी। दिल्ली सहित पांच शहरों में प्लास्टिक कचरे से रावण के पुतले बनाए गए थे और इन्हें जलाए जाने के बजाय इनका यांत्रिक तरीके से निस्तारण किया गया। यह कदम पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए उठाया गया था। इनमें से एक पुतला नोएडा के सेक्टर 21-ए में लगाया गया था और यह 500 किलोग्राम प्लास्टिक के कचरे से बनाया गया था। नायडू और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने लाल किले में आयोजित दिल्ली के प्रसिद्ध लव कुश रामलीला कार्यक्रम में हिस्सा लिया। यहां भी पुतलों के लिए पटाखों का इस्तेमाल नहीं किया गया । आयोजकों ने वायु प्रदूषण को कम करने के लिए यह कदम उठाया। पटाखों की आवाज के लिए यहां अलग से साउंड की व्यवस्था की गई थी और पिछले साल के 125 फुट के रावण के पुतले के मुकाबले 60 फीट का ही रावण बनाया गया था। नायडू ने इस मौके पर लोगों से देश और समाज की प्रगति में बाधक जातिवाद, भ्रष्टाचार और भेदभाव से निजात पाने का आह्वान किया। चंडीगढ़ में 221 फुट लंबा रावण का पुतला लोगों के लिए मुख्य आकर्षण का केंद्र था और आयोजकों का दावा है कि यहां पर्यावरण के अनुकूल पटाखों का इस्तेमाल किया गया।
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वहीं अमृतसर में दुर्गा पूजा के साथ पिछले साल हुई खौफनाक हादसे की याद भी ताजा हो गई। पिछले साल पुतला दहन के दौरान एक ट्रेन की चपेट में आने से 61 लोगों की मौत हो गई थी। यहां हादसे का शिकार हुए कुछ लोगों के परिजन ने उचित मुआवजा और सरकारी नौकरी दिए जाने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया। मैसुरू में दशहरे का 10 दिवसीय उत्सव मंगलवार को समाप्त हुआ। यहां भव्य शोभायात्रा निकाली गई थी। मध्य प्रदेश के कई हिस्सों में पुतले जलाने के दौरान बारिश बाधा बनी। यहां के पुतलों को इस तरह से बनाया गया था कि एक बार इस्तेमाल होने वाले प्लास्टिक के खिलाफ लोग जागरुक हो सकें। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और अन्य हिंदू संगठनों ने कई शहरों में इस मौके पर ‘शस्त्र पूजा’ की और ‘पथ संचालन’ यात्रा निकाली। जम्मू क्षेत्र में कड़ी सुरक्षा के बीच दुर्गा पूजा का उत्सव मनाया गया। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने परेड ग्राउंड में इस उत्सव में हिस्सा लिया। जब पूरे देश में दशहरे का उत्सव समाप्त हुआ तब कुल्लू में ऐतिहासिक कुल्लू दशहरा का शुभारंभ हुआ। दशहरे पर पूरे देश में भले ही रावण के पुतले जलाए जाते हों लेकिन महाराष्ट्र के अकोला जिले के संगोला गांव में रावण की पूजा की जाती है। यहां रावण की 10 सिर वाली प्रतिमा है और स्थानीय लोगों का दावा है कि पिछले 200 साल से यहां रावण की पूजा होती है। उत्तर प्रदेश के मथुरा में लक्ष्मी नगर के शिव मंदिर में भी रावण की पूजा हुई।
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