हेलीकॉप्टर घोटाले में ED की चार्जशीट पर कोर्ट 23 जुलाई को करेगी सुनवाई

ED files charge sheet in AgustaWestland
[email protected] । Jul 20 2018 6:35PM

दिल्ली की एक अदालत धनशोधन से जुड़े कथित अगस्तावेस्टलैंड वी वी आई पी हेलीकॉप्टर रिश्वत मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ई डी) द्वारा दायर आरोपपत्र पर 23 जुलाई को संज्ञान लेगी।

नयी दिल्ली। दिल्ली की एक अदालत धनशोधन से जुड़े कथित अगस्तावेस्टलैंड वी वी आई पी हेलीकॉप्टर रिश्वत मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ई डी) द्वारा दायर आरोपपत्र पर 23 जुलाई को संज्ञान लेगी। विशेष न्यायाधीश अरविन्द कुमार ने जांच अधिकारी के मौजूद नहीं होने का संज्ञान लेते हुए मामले को सोमवार के लिए सूचीबद्ध कर दिया। प्रवर्तन निदेशालय ने कहा कि उसने सभी आरोपियों के खिलाफ आरोपों का समर्थन करने वाले अकाट्य साक्ष्य रिकॉर्ड कर लिए हैं। जांच एजेंसी ने 18 जुलाई को दिल्ली की अदालत में पूरक आरोपपत्र दायर किया था और अगस्तावेस्टलैंड तथा फिनमेकेनिका के पूर्व निदेशकों गिउसेप्पे ओर्सी तथा ब्रूनो स्पैग्नोलिनी और पूर्व वायुसेना प्रमुख एस पी त्यागी पर वी वी आई पी हेलीकॉप्टर रिश्वत मामले में धनशोधन का आरोप लगाया। इसने आरोप लगाया कि 34 भारतीय और विदेशी व्यक्तियों तथा कंपनियों ने लगभग दो करोड़ 80 लाख यूरो तक का धनशोधन किया।

इन लोगों और कंपनियों में त्यागी , इतालवी बिचौलिए कार्लो गेरोसा तथा गुइडो हैश्के , अधिवक्ता गौतम खेतान और अगस्तावेस्टलैंड की मूल कंपनी फिनमेकेनिका भी शामिल हैं। एजेंसी की जांच रिपोर्ट में यह दावा भी किया गया कि अगस्तावेस्टलैंड ने दो अलग - अलग माध्यमों से रिश्वत दी थी। ई डी ने अपने आरोपपत्र में आरोप लगाया है कि धनशोधन कई विदेशी कंपनियों के जरिए किया गया। एजेंसी ने कहा कि मामले में वह और भी पूरक आरोपपत्र दायर कर सकती है। भारत ने एक जनवरी 2014 को फिनमेकेनिका की ब्रिटिश अनुषंगी अगस्तावेस्टलैंड के साथ वह सौदा रद्द कर दिया था जिसके तहत भारतीय वायुसेना को 12 ए डब्ल्यू -101 वी वी आई पी हेलीकॉप्टरों की आपूर्ति की जानी थी।

करार संबंधी दायित्वों के उल्लंघन और इसे हासिल करने के लिए कंपनी द्वारा 423 करोड़ रुपये की रिश्वत के आरोपों के चलते सौदा रद्द किया दिया गया था। आरोपपत्र में गुइडो हैश्के , कार्लो गेरोसा , एस पी त्यागी , उनके चचेरे भाई राजीव त्यागी तथा संजीव त्यागी , अधिवक्ता गौतम खेतान और उनकी पत्नी रितु खेतान , शिवानी सक्सेना और उनके पति राजीव सक्सेना (दोनों दुबई स्थित कंपनियों के निदेशक) के नाम आरोपी के रूप में शामिल हैं।

इसके अलावा अंतिम रिपोर्ट में विभिन्न भारतीय और विदेशी कंपनियों - फिनमेकेनिका एस पी ए , अगस्तावेस्टलैंड , एरोमैट्रिक्स इन्फो सॉल्यूशन लिमिटेड , विंडसर ग्रुप होल्डिंग्स , इस्मैक्स इंटरनेशनल लिमिटेड , क्रिकलवुड लिमिटेड , लॉंग लास्टिंग लिमिटेड , मैट्रिक्स होल्डिंग प्राइवेट लिमिटेड , यू एच वाई सक्सेना , दुबई इंटरसेलर टेक्नोलॉजीज लिमिटेड , ओ पी खेतान एंड कंपनी , इंटरनेशनल मेडिटेरेनियन कंसल्टिंग , ट्यूनीशिया , इन्फोटेक डिजाइन सिस्टम्स गोर्डियन सर्विसेज के नाम शामिल हैं। आरोपपत्र में कहा गया है, ‘‘ वर्तमान मामले में धनशोधन प्रक्रिया के पीछे के मास्टरमाइंड खेतान को आरोपी लोग गेरोसा , हैश्के और त्यागी बंधु जानते थे। उसने कंपनियों का एक कार्पोरेट ढांचा तैयार किया और विश्व में कई कानूनी फर्मों को जोड़ लिया।

इसमें कहा गया है , ‘‘ इसके बाद ट्यूनीशिया , मॉरीशस , भारत , सिंगापुर , स्विट्जरलैंड , दुबई आदि जगहों पर स्थित विभिन्न कंपनियों के जरिए धनशोधन का अपराध किया गया। आरोपपत्र में दावा किया गया कि खेतान ने अपराध से मिला मुनाफा अपने नाम तथा अपनी कंपनियों - विंडसर होल्डिंग ग्रुप लिमिटेड , इस्मैक्स इंटरनेशनल लिमिटेड और ओ पी खेतान एंड कंपनी के नाम पर भारत और विदेशों में खुले खातों में हासिल किया। ई डी ने पूर्व में त्यागी बंधुओं , गौतम खेतान , गेरोसा हैश्के , क्रिश्चियन मिशेल जेम्स और राजीव सक्सेना की 10 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क कर ली थी तथा 150 करोड़ रुपये से अधिक के शेयर फ्रीज कर दिए थे। 

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