शिक्षा ऐसी होनी चाहिए जो दायित्वों के प्रति जिम्मेदार बनाए: कलराज मिश्र
मिश्र ने कहा कि शिक्षा ऐसी होनी चाहिए जो व्यक्ति में विचार करने का सामर्थ्य विकसित करे और उसे दायित्वों के लिए जिम्मेदार बनाए। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयों में जो कुछ पढ़ाया जा रहा है उसे बदलते समय-संदर्भों और परिवेश के अनुरूप अपडेट करने की जरूरत है।
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उन्होंने कहा कि सूचना प्रौद्योगिकी, विज्ञान और तकनीकी के क्षेत्र में जिस तेजी से ज्ञान का प्रसार हो रहा है उसी गति से पाठ्यक्रमों को अपडेट करने के लिए उन्हें लचीला बनाने की जरूरत है। मिश्र ने कहा कि शिक्षा ऐसी होनी चाहिए जो व्यक्ति में विचार करने का सामर्थ्य विकसित करे और उसे दायित्वों के लिए जिम्मेदार बनाए। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को विषय ज्ञान के साथ-साथ मानव मूल्यों, धैर्य, अनुशासन और राष्ट्रीयता से जुड़ी गौरवगाथाओं से रूबरू कराना भी जरूरी है। उन्होंने कहा कि इन बातों को ध्यान में रखते हुए यदि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को सही तरीके से लागू किया जाये तो प्रदेश उच्च शिक्षा के क्षेत्र में देशभर में सिरमौर बन सकता है।
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उच्च शिक्षा राज्य मंत्री भंवर सिंह भाटी ने कहा कि राज्य सरकार सभी विश्वविद्यालयों में एक जैसे पाठ्यक्रम लागू करने की दिशा में प्रयास कर रही है। नोबल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी ने कहा कि वास्तविक शिक्षा सिर्फ पुस्तकों से ही नहीं बल्कि जीवन के उदाहरणों से मिलती है, इसलिए प्रबुद्धजन विद्यार्थियों के समक्ष जीवंत उदाहरण प्रस्तुत करते हुए उनमें कृतज्ञता, करुणा और उत्तरदायित्व के भाव विकसित करें। उन्होंने कहा कि शिक्षा का उद्देश्य सूचनाओं और जानकारियों का प्रसार करने से अधिक संतोषी और शांतिमय समाज की स्थापना का होना चाहिए।
जोधपुर के 17वें दीक्षांत समारोह में राजभवन से ऑनलाइन सम्मलित हुआ अपने सम्बोधन में पाठ्यक्रमों को लचीला बनाने और अपडेट रखने पर दिया जोर साथ ही मूल कर्तव्यों का ज्ञान कराने के लिए अभियान चलाने का सुझाव दिया। pic.twitter.com/x8YNTWQSEn
— कलराज मिश्र (Kalraj Mishra) (@KalrajMishra) March 26, 2021
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