दलगत राजनीति का विषय नहीं है शिक्षा: जावड़ेकर

[email protected] । Jul 6 2016 2:10PM

स्मृति ईरानी के दो साल के विवादित कार्यकाल के बाद उनकी जगह लेने वाले नवनियुक्त मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने आज कहा कि शिक्षा ‘दलगत राजनीति’ का मसला नहीं है।

स्मृति ईरानी के दो साल के विवादित कार्यकाल के बाद उनकी जगह लेने वाले नवनियुक्त मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने आज कहा कि शिक्षा ‘दलगत राजनीति’ का मसला नहीं है और वह सभी के सुझावों का स्वागत करेंगे। जावड़ेकर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पास शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारने के लिए और इसे ज्यादा अर्थपूर्ण बनाने के लिए एक विजन है। उन्होंने कहा कि शिक्षा को ‘बंधनों से मुक्त करने वाली’ और ‘बदलाव के कारक’ के रूप में देखा जाना चाहिए।

जावड़ेकर ने यह भी कहा कि वह प्रधानमंत्री और स्मृति समेत अन्य लोगों के साथ विचार विमर्श करके एक रोडमैप लेकर आएंगे। उन्होंने कहा, ‘‘मैं स्मृति ईरानी द्वारा उठाए गए कुछ अच्छे कदमों को आगे बढ़ाउंगा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं इस नयी जिम्मेदारी को विनम्रता के साथ स्वीकार करता हूं और मैं हमारे पहले के मंत्री मुरली मनोहर जोशी से बात करूंगा।’’ भाजपा के पूर्व अध्यक्ष जोशी इस समय मार्गदर्शक मंडल का हिस्सा हैं। वह मोदी सरकार के आलोचक रहे हैं।

मानव संसाधन विकास मंत्री के रूप में स्मृति का कार्यकाल विवादों से घिरा रहा। उन्हें हैदराबाद के दलित शोधार्थी रोहित वेमुला की आत्महत्या, जेएनयू प्रकरण और शिक्षा के भगवाकरण के आरोपों के चलते आलोचना का सामना करना पड़ा। जावड़ेकर ने कहा कि शिक्षा ‘‘दलगत राजनीति का मसला नहीं है।’’ बल्कि यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा है और ‘‘हम इस पर हर किसी के साथ चर्चा करेंगे।’’

खुद को जेपी आंदोलन के दौरान की छात्र राजनीति की उपज बताते हुए जावड़ेकर ने कहा कि शिक्षा ‘‘बंधनों से आजाद करने वाली और बदलाव की कारक’’ है और यह 21वीं सदी में भारत में बदलाव लाने में एक बड़ी भूमिका निभाएगी। उन्होंने कहा, ‘‘शिक्षा जीवन को एक अर्थ देती है..यह जीवन को मूल्य देती है। इसलिए शिक्षा को अर्थपूर्ण बनाना वास्तविक चुनौती है। गरीब माता-पिता अपने बच्चों को शिक्षित करने के लिए बहुत मेहनत करते हैं। इसलिए, हमारा उद्देश्य गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराना है और हम ऐसा कर सकेंगे।’’ जावड़ेकर ने संवाददाताओं को बताया कि वह गुरुवार को औपचारिक तौर पर प्रभार संभालेंगे।

मंत्री ने कहा कि भारत की नयी शिक्षा नीति ‘‘छात्रों पर केंद्रित’’ है। उन्होंने कहा, ‘‘मैं देशभर के सभी शिक्षकों को आश्वस्त कर देना चाहता हूं कि हम सब भारत की नयी शिक्षा नीति का खाका तैयार करेंगे और शिक्षा को छात्रों पर केंद्रित होना चाहिए।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं सभी की राय को महत्व देता हूं और हम इस पर व्यापक चर्चा करेंगे। मेरे दरवाजे किसी भी सुझाव के लिए हमेशा खुले रहेंगे।’’

पर्यावरण एवं वन मंत्रालय का प्रभार संभाल चुके जावड़ेकर मंगलवार को हुए फेरबदल में ऐसे एकमात्र मंत्री रहे, जिन्हें राज्यमंत्री पद से प्रोन्नत करते हुए केबिनेट रैंक दिया गया है। मंगलवार को 19 नए लोगों ने राज्य मंत्रियों के तौर पर शपथ ली थी। जावड़ेकर ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में शिक्षा पर बहुत जोर है।

उन्होंने कहा, ‘‘मैं गुरुवार को प्रभार संभालूंगा और प्रधानमंत्री से चर्चा के बाद हम आगे की रूपरेखा तैयार करेंगे।’’ जावड़ेकर ने कहा कि उनके साथ रहने वालीं उनकी 92 वर्षीय मां खुद भी एक प्राथमिक स्कूल में अध्यापिका थीं और वह समाज में शिक्षकों के योगदान को ‘महत्व’ देते हैं। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में मीडिया को भी एक ‘बड़ी भूमिका’ निभानी है।

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