चुनाव आयोग ने भी माना, चुनाव प्रचार में नफरत भरे भाषणों पर रोक लगाना जरूरी

Election Commission also believed that it was necessary to ban hate speeches in the election campaign.
[email protected] । May 22 2018 9:36AM

पूर्व चुनाव आयुक्तों ने चुनाव प्रचार के दौरान नेताओं के नफरत भरे भाषण की बढ़ती प्रवृत्ति को रोकने की जरूरत पर बल दिया है।

नयी दिल्ली। पूर्व चुनाव आयुक्तों ने चुनाव प्रचार के दौरान नेताओं के नफरत भरे भाषण की बढ़ती प्रवृत्ति को रोकने की जरूरत पर बल दिया है। निर्वाचन आयोग द्वारा चुनाव प्रबंधन को बेहतर बनाने के लिये आज पूर्व चुनाव आयुक्तों की बैठक में चुनावी माहौल को दूषित करने वाले नफरत भरे भाषण पर रोक लगाने, वीवीपेट युक्त ईवीएम के देशव्यापी इस्तेमाल को अनिवार्य करने और चुनाव कार्यक्रमों को संक्षिप्त बनाने सहित अन्य प्रमुख मुद्दों पर विचार किया गया। बैठक में मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत और चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा तथा अशोक लवासा के अलावा पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एमएस गिल, जेएम लिंगदोह, टीएस कृष्णमूर्ति, बीबी टंडन, एसवाई कुरैशी, वीएस संपत, एचआर ब्रह्मा, नसीम जैदी और पूर्व चुनाव आयुक्त जीवीजी कृष्णमूर्ति ने भाग लिया। 

इस दौरान पूर्व आयुक्तों ने वीवीपेट युक्त ईवीएम के इस्तेमाल को सार्थक पहल बताते हुये इसके प्रयोग को प्रत्येक चुनाव में अनिवार्य बनाने की जरूरत पर बल दिया। साथ ही मतदाताओं को ईवीएम के प्रति जागरुक करने के लिये सघन अभियान चलाने का सुझाव दिया जिससे ईवीएम के बारे में समय समय पर उभरने वाले विवादों से बचा जा सके। पूर्व आयुक्तों ने चुनाव प्रचार के दौरान नेताओं के नफरत भरे भाषण से राजनीतिक माहौल दूषित होने पर चिंता व्यक्त करते हुये व्यापक जनहित में इस प्रवृत्ति पर तत्काल नियंत्रित करने के उपाय सुनिश्चित करने को जरूरी बताया। इसके अलावा बैठक में विभिन्न चरणों में होने वाले चुनावों की प्रक्रिया को संक्षिप्त करने की जरूरत बताते हुये इन्हें कम से कम चरणों में पूरा करने का सुझाव दिया गया। साथ ही मतदाता पंजीकरण प्रक्रिया को आसान एवं कम समय में पूरी होने वाली बनाने और ऑनलाइन पंजीकरण प्रक्रिया का व्यापक विस्तार करने को कहा गया। 

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