शशिकला मामले में चुनाव आयोग पहुंचा दिनाकरन गुट
अन्नाद्रमुक से बाहर किये गये नेता टी टी वी दिनाकरन के प्रतिनिधियों ने आज चुनाव आयोग से पार्टी की महासभा की मंगलवार को हुई बैठक को अवैध घोषित करने की मांग की।
नयी दिल्ली। अन्नाद्रमुक से बाहर किये गये नेता टी टी वी दिनाकरन के प्रतिनिधियों ने आज चुनाव आयोग से पार्टी की महासभा की मंगलवार को हुई बैठक को अवैध घोषित करने की मांग की। इस बैठक में पार्टी महासचिव पद से वी के शशिकला को हटाने का फैसला किया गया है। दिनकरण गुट की नेता और राज्य सभा सदस्य विजिला सत्यनाथ ने आयोग के समक्ष अपना प्रतिवेदन पेश करने के बाद बताया कि उन्होंने अपने दावे को पुष्ट करने के लिये आयोग के समक्ष पार्टी के संविधान और मामले से जुड़े अहम तथ्यों पेश किया है।
अन्नाद्रमुक में विलय कर चुके ई पलानीस्वामी और ओ पनीरसेल्वम की अगुवाई वाले गुटों ने मंगलवार को हुई पार्टी की महासभा की बैठक में दिवंगत पूर्व मुख्यमंत्री जे जयललिता को अन्नाद्रमुक का ‘‘स्थायी’’ महासचिव नियुक्त करते हुये शशिकला को अंतरिम महासचिव नियुक्त करने के पूर्व फैसले को रद्द कर दिया था। सत्यनाथ ने कहा कि बैठक और इसमें लिये गये फैसलों को वैध नहीं माना जा सकता है क्योंकि इस मामले में मद्रास उच्च न्यायालय के निर्देश में पहले ही कहा गया था कि पार्टी की बैठक के वही फैसले वैध मान्य होंगे जिन्हें अपील के फैसले में वैध ठहराया जायेगा।
पार्टी की महासभा की बैठक पर स्थगन आदेश देने की मांग वाली दिनाकरण गुट की अपील को उच्च न्यायालय की एकल पीठ और फिर बाद में खंडपीठ ने खारिज करते हुये कहा था कि पार्टी की किसी भी बैठक में लिये गये फैसलों की वैधता मूल अपील के फैसले पर निर्भर करेंगे। इस मामले में सुनवाई की अगली तारीख 23 अक्टूबर है। उन्होंने बताया कि आयोग के समक्ष पेश प्रतिवेदन में पार्टी के संविधान में निहित प्रक्रिया का जिक्र किया गया है जिसका महासभा की बैठक आहूत करने से पहले पालन सुनिश्चित किया जाना अनिवार्य है।
सत्यनाथ ने कहा कि नियमानुसार महासभा की बैठक पार्टी का महासचिव स्वयं या महासभा के कम से कम 20 प्रतिशत सदस्यों की मांग पर महासचिव आहूत कर सकता है। उन्होंने कहा कि मंगलवार की पिछली बैठक से पहले इस प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया।
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