लद्दाख को पर्यटन संबंधी परामर्शों से हटाने के लिए दूतावासों को पत्र लिखूंगा: पटेल

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[email protected] । Sep 5 2019 5:55PM

पटेल ने कहा, ‘‘कृपया ऐसा नहीं सोचिए कि आपकी समस्याओं का समाधान नहीं होगा। हम हितधारकों की सहमति के बिना क्षेत्र में कोई कदम नहीं उठाएंगे। पर्यटक सुंदरता देखना चाहते हैं, लेकिन वे साथ ही शांति भी चाहते हैं। यदि आप पर्यटन को बढ़ावा देना चाहते हैं तो हमें सुविधाएं विकसित करनी होगी। इसमें समय लगेगा। हमें प्रशिक्षण देने वाले संस्थानों की भी आवश्यकता है। कई चीजों पर काम किया जाना है।’’

लेह। संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री प्रह्लाद पटेल ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह सभी दूतावासों को पत्र लिखकर अनुरोध करेंगे कि वे जम्मू-कश्मीर की यात्रा के खिलाफ जारी किए जाने वाले किसी भी परामर्श में नवगठित केंद्रशासित प्रदेश लद्दाख को शामिल नहीं करें। लद्दाख में पर्यटन निकायों ने पटेल से दुनिया को यह बताने का अनुरोध किया था कि लद्दाख अब जम्मू-कश्मीर का हिस्सा नहीं है। उन्होंने पटेल से वैश्विक समुदाय तक यह संदेश पहुंचाने को कहा था कि यह क्षेत्र उनकी यात्रा के लिए शांतिपूर्ण एवं सुरक्षित है। इसके दो दिन बाद पटेल ने क्षेत्र की अपनी तीन दिवसीय यात्रा के आखिरी दिन कहा, ‘‘हम वापस जाकर दूतावासों को पत्र लिखेंगे और उन्हें बताएंगे कि यदि वे जम्मू-कश्मीर की यात्रा के खिलाफ कोई परामर्श जारी करते हैं तो उनमें लद्दाख को शामिल नहीं करें। यह क्षेत्र अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों की यात्रा के लिए शांतिपूर्ण और सुरक्षित है।’’ उन्होंने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश का गठन केवल सरकार ही नहीं बल्कि लद्दाख के लोगों के लिए भी बड़ी चुनौती है।

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पटेल ने कहा, ‘‘कृपया ऐसा नहीं सोचिए कि आपकी समस्याओं का समाधान नहीं होगा। हम हितधारकों की सहमति के बिना क्षेत्र में कोई कदम नहीं उठाएंगे। पर्यटक सुंदरता देखना चाहते हैं, लेकिन वे साथ ही शांति भी चाहते हैं। यदि आप पर्यटन को बढ़ावा देना चाहते हैं तो हमें सुविधाएं विकसित करनी होगी। इसमें समय लगेगा। हमें प्रशिक्षण देने वाले संस्थानों की भी आवश्यकता है। कई चीजों पर काम किया जाना है।’’

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उन्होंने पर्यटन क्षेत्र से अपील की वह केंद्रीय मंत्रालय के साथ मिलकर क्षेत्र के लिए एक पर्यटन नीति बनाए। उन्होंने कहा कि किसी भी चरण में सहयोग की आवश्यकता होने पर वह क्षेत्र में एक दल भेजेंगे।  उन्होंने कहा, ‘‘मैं आपसे वादा करता हूं कि विभिन्न आवश्यक मंजूरियां महीनों नहीं, दिनों में दी जाएंगी। उन्होंने कहा कि संसाधनों का वितरण और बुनियादी ढांचों में निवेश लेह और करगिल में समान रूप से होगा।

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