गृह मंत्रियों की बैठक में दोष सिद्धि दर बढ़ाने के लिए फोरेंसिक विज्ञान के अधिक उपयोग पर जोर

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यहां केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से आयोजित इस दो दिवसीय बैठक को ‘चिंतन शिविर’ नाम दिया गया जिसमें 10 मुख्यमंत्री, कई राज्य मंत्री और पुलिस तथा नागरिक सेवा के कई शीर्ष अधिकारी शामिल हुए।

यहां राज्यों के गृह मंत्रियों की बैठक में दोष सिद्धि दर बढ़ाकर 90 प्रतिशत करने के लिए जांच के दौरान फोरेंसिक विज्ञान के अधिक उपयोग की जरूरत पर जोर दिया गया। अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता वाली बैठक में यह सुझाव दिया गया कि दोष सिद्धि दर में सुधार करके साइबर अपराध पर रोक लगाएं। यह भी कहा गया कि दोष सिद्धि दर बढ़ाकर 90 प्रतिशत करने में फोरेंसिक विज्ञान एक ‘बड़ी भूमिका’ होगी।

यहां केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से आयोजित इस दो दिवसीय बैठक को ‘चिंतन शिविर’ नाम दिया गया जिसमें 10 मुख्यमंत्री, कई राज्य मंत्री और पुलिस तथा नागरिक सेवा के कई शीर्ष अधिकारी शामिल हुए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी शुक्रवार की सुबह इस बैठक को संबोधित किया। अधिकारियों ने कहा कि बैठक के दौरान ‘टीम इंडिया’ की भावना से काम करने का फैसला लिया गया और इस बात पर जोर दिया गया कि सभी राज्य अपने लक्ष्यों की सालाना समीक्षा करेंगे।

अधिकारियों ने कहा कि इस बैठक से यह निष्कर्ष निकला कि आंतरिक सुरक्षा केंद्र और राज्यों की एक साझा जिम्मेदारी है और हर किसी को ‘टीम इंडिया’ की भावना से काम करना चाहिए। इस बात पर भी सहमति बनी की सभी राज्य योजना बनाएं कि वर्ष 2047 में उनकी आंतरिक सुरक्षा किस स्तर की होगी। अधिकारियों ने बताया कि बैठक में इस बात का उल्लेख किया गया कि मोदी सरकार ने पुलिस कार्रवाई और विकास कार्यों से पूर्वोत्तर राज्यों, जम्मू-कश्मीर और वाम पंथी उग्रवाद से प्रभावित क्षेत्रों में अभूतपूर्व सफलता अर्जित की। बैठक में कहा गया कि बिहार और झारखंड अब नक्सलवाद से मुक्त हो गये हैं।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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