मानव संसाधन विकास को आगे बढ़ाया जाए: वेंकैया नायडू
उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने मानव संसाधन विकास को आगे बढ़ाने का आह्वान किया और कहा कि चूंकि देश की 65 प्रतिशत आबादी 35 साल से कम उम्र की है इसलिए शैक्षाणिक संस्थानों को देश के भविष्य को आकार देने में अवसर का इस्तेमाल करना चाहिए।
कोझिकोड। उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने मानव संसाधन विकास को आगे बढ़ाने का आह्वान किया और कहा कि चूंकि देश की 65 प्रतिशत आबादी 35 साल से कम उम्र की है इसलिए शैक्षाणिक संस्थानों को देश के भविष्य को आकार देने में अवसर का इस्तेमाल करना चाहिए। फारूक कॉलेज में यहां एक समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि शिक्षा मुक्ति का जरिया है। इससे नागरिकों को निर्भरता से आजादी मिलती है और आत्मसम्मान और आत्मविश्वास बढ़ता है। नायडू ने कहा कि सभी धार्मिक परंपराएं ज्ञान और सीखने के मूल्यों पर जोर देती है। उन्होंने कहा कि यह तथ्य है कि पवित्र कुरान का पहला शब्द ‘इकरा’ या ‘पढना’ है और एक इबादत है ‘‘हे ऊपरवाले मेरा ज्ञान बढाइये।’’ भगवद्गीता में भी ‘न हि ज्ञानेना सदृशम पवित्रम इह विद्यते’ कहा गया है जिसका मतलब है कि दुनिया में ऐसा कुछ भी नहीं जो ज्ञान से अधिक पवित्र हो। राष्ट्र में मानव संसाधन विकास को बढ़ाने का आह्वान करते हुए नायडू ने कहा कि असल में हमारे सामने चुनौती मानव संसाधनों को समृद्ध करने की है।
यह उल्लेख करते हुए कि देश की 65 प्रतिशत आबादी 35 साल से कम उम्र की है, उपराष्ट्रपति ने कहा कि अगर हम अच्छी प्रकार की शिक्षा ले सकें तो इससे देश को बड़ा फायदा होगा। उन्होंने कहा, ‘‘हमारी शिक्षा व्यवस्था और सरकार के साथ ही निजी संस्थानों को अपने महान देश के भविष्य को आकार देने के लिए इस अनूठे अवसर का फायदा उठाना होगा।’’
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