क्या इन वजहों से संजय झा को प्रवक्ता पद से हटाया गया ? लेकिन बाद में नेहरू को क्यों किया याद

Sanjay Jha

कांग्रेस की तरफ से जारी बयान के मुताबिक कांग्रेस की अंतिरम अध्यक्षा सोनिया गांधी ने संजय झा को तत्काल प्रभाव से हटाए जाने को बुधवार को ही मंजूरी दे दी थी।

नयी दिल्ली। कांग्रेस नेता संजय झा को पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता पद से हटा दिया है। बताया जा रहा है कि संजय झा ने हाल ही में पार्टी की कार्यशैली पर सवाल खड़ा किया था जिसको लेकर कांग्रेस का आलानेतृत्व उनसे काफी ज्यादा खफा हो गया। कांग्रेस की तरफ से जारी बयान के मुताबिक कांग्रेस की अंतिरम अध्यक्षा सोनिया गांधी ने संजय झा को तत्काल प्रभाव से हटाए जाने को बुधवार को ही मंजूरी दे दी थी।

साथ ही साथ सोनिया गांधी ने अभिषेक दत्त और साधना भारती को कांग्रेस के राष्ट्रीय मीडिया पैनलिस्ट नियुक्त किया। हाल ही में संजय झा को पार्टी की कार्यशैली पर सवाल खड़ा करना भारी पड़ गया। उन्होंने यह भी कहा था कि कांग्रेस में आंतरिक लोकतंत्र का अभाव है। 

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चीन के खिलाफ एकजुटता की कही थी बात

इसके अलावा संजय झा ने बुधवार को एक ट्वीट किया था। जो शायद पार्टी को रास नहीं आया। संजय झा ने ट्विटर पर लिखा कि यह समय चीन के खतरनाक अतिक्रमण के खिलाफ भारत में बिल्कुल परिपक्व राजनीतिक एकजुटता का है। मिस्टर मोदी ने अतीत में हमारी कांग्रेस/यूपीए सरकार के बारे में कई बार अपमानजनक बाते कहीं हैं जिसकी मुझे बिल्कुल परवाह नहीं है। हमें इससे ऊपर उठना है। हमें बदलना होगा। हमें एकजुट होना है।

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संजय झा को प्रवक्ता पद से हटा दिया गया लेकिन इसके बावजूद उन्होंने पार्टी को लोकतांत्रिक मूल्यों के बारे में बताया। संजय झा ने एक ट्वीट किया। इस ट्वीट में उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की बात कही। संजय झा ने लिखा कि पंडित नेहरू ने एक बार एक अखबार में खुद की आलोचना करते हुए एक लेख लिखा था, जो निरंकुश बनने के खिलाफ चेतावनी थी। यही लोकतांत्रिक, उदारवादी, सहिष्णु, समावेशी सच्ची कांग्रेस है। हम उन मूल्यों से बहुत दूर चले गए हैं। क्यों ? आगे उन्होंने लिखा कि मैं कांग्रेस का एक निर्भय वैचारिक सिपाही बना रहूंगा।

संजय झा लगातार समसामयिक विषयों पर अपनी राय ट्विटर पर साझा करते आए हैं लेकिन पार्टी में आंतरिक लोकतंत्र के अभाव के विषय पर बोलना उन्हें मंहगा पड़ गया। 

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झा के लेख के बाद आमने-सामने आ गए थे प्रवक्ता

एक तरफ कोरोना महामारी को लेकर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी केंद्र की मोदी सरकार के कामकाज पर सवाल खड़े कर रहे हैं और दूसरी तरफ कांग्रेस नेता संजय झा ने पार्टी के कामकाज और आंतरिक लोकतंत्र पर सवाल खड़ा कर दिया था। संजय झा ने लेख के जरिए यह भी कहा था कि पार्टी के भीतर सदस्यों की बात नहीं सुनी जाती है। संजय झा द्वारा उठाए गए सवाल पर एक के बाद एक कांग्रेस प्रवक्ताओं और नेताओं ने प्रतिक्रिया देना शुरू कर दिया था। इसे हम इस तरह समझ सकते हैं कि सभी ने संजय झा को घेरना शुरू कर दिया था।

पार्टी प्रवक्ता अजय माकन ने तुरंत कहा कि पार्टी के भीतर चर्चा में कोई कमी नहीं है। उन्होंने यहां तक कहा कि जब कभी मैं चाहता हूं अपना विचार रख सकता हूं। वहीं लोकसभा सांसद मनीष तिवारी ने भी संजय झा की बातों को सिरे से खारिज कर दिया था।

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