आपदाओं और महामारी से कार्यपालिका बेहतर ढंग से निपट सकती है: प्रधान न्यायाधीश बोबडे

Chief Justice Bobde

कोरोना वायरस से निपटने के लिए 25 मार्च को लगाये गये राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के बाद शीर्ष अदालत वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये आवश्यक मामलों की सुनवाई कर रही है और एक महीने में 593 मामलों की सुनवाई की गई है और इनमें से 215 मामलों में फैसला सुनाया गया है।

नयी दिल्ली। देश के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) एस ए बोबडे ने सोमवार को कहा कि आपदाओं और कोविड-19 जैसी महामारी से कार्यपालिका बेहतर ढंग से निपट सकती है और यदि कार्यपालिका की कार्रवाई के कारण नागरिकों का जीवन खतरे में पड़ता है तो अदालतें हस्तक्षेप करेंगी। न्यायमूर्ति बोबडे ने कहा कि संकट के समय देश के सभी तीनों अंगों को मिलकर काम करना चाहिए लेकिन कार्यपालिका को यह तय करना है कि ‘‘व्यक्तियों, धन और सामग्री’’ को कैसे प्राथमिकता देनी है और इस तरह के संकट के समय इनका कैसे उपयोग करना है। उन्होंने एक टेलीविजन चैनल से कहा, ‘‘महामारी या किसी आपदा से कार्यपालिका बेहतर ढंग से निपट सकती है। कोविड-19 से संबंधित सभी मामलों में हमने कार्यपालिका से पूछा है कि क्या कदम उठाये गये हैं।’’ 

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प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि यदि कार्यपालिका की कार्रवाई के कारण नागरिकों का जीवन खतरे में होगा तो न्यायपालिका ‘‘हस्तक्षेप’’ करेगी। उन्होंने कहा कि संकट के इस समय में अदालतें भी काम कर रही है और मुकदमों की संख्या में कमी आई है। कोरोना वायरस से निपटने के लिए 25 मार्च को लगाये गये राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के बाद शीर्ष अदालत वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये आवश्यक मामलों की सुनवाई कर रही है और एक महीने में 593 मामलों की सुनवाई की गई है और इनमें से 215 मामलों में फैसला सुनाया गया है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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