बिहार में कभी सही साबित नहीं हुए हैं एग्जिट पोल, जीत-हार में अहम योगदान निभाते हैं साइलेंट वोटर्स
एग्जिट पोल में भी देखा गया कि तेजस्वी यादव मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से ज्यादा लोकप्रिय रहे। एग्जिट पोल में सबसे ज्यादा नुकसान नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू को होता दिखाई दे रहा है। कारण यह भी है कि चिराग पासवान ने उनके उम्मीदवारों के खिलाफ ज्यादातर उम्मीदवारों को उतारा था जिससे जदयू के वोट कटे हैं। नीतीश कुमार का यह आखिरी चुनाव हो सकता है।
बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर एग्जिट पोल आ गए है। एग्जिट पोल में महागठबंधन को बढ़त दी गई है। इसके बाद से यह संभावनाएं जताई जा रही है कि जब 10 तारीख को चुनाव परिणाम आएंगे तब तेजस्वी यादव के सर पर मुख्यमंत्री का सेहरा सज जाएगा। लेकिन एग्जिट पोल सिर्फ पूर्वानुमान होते है, नतीजों में उलटफेर संभव है। यही कारण है कि राजद अपने कार्यकर्ताओं को संयम रखने की हिदायत दे रहा है। इस बार एग्जिट पोल महागठबंधन के पक्ष में जाता दिख रहा है। ऐसे में कई लोग इस बात का भी संशय जाहिर कर रहे हैं कि जैसे 2015 के चुनाव में ज्यादातर एग्जिट पोल भाजपा की सरकार बनवा रहे थे, पर नतीजे ठीक उससे उलट आए। वैसा क्या इस बार कुछ हो सकता है?
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पिछले दो-तीन चुनाव की बात करें तो जिस ओर नीतीश कुमार रहे हैं, सरकार उसी की बनी है। भाजपा को भी इसी बात की उम्मीद है। बिहार के ज्यादातर एग्जिट पोल इसलिए भी गलत होते रहे हैं क्योंकि वहां मुखर मतदाताओं से ज्यादा साइलेंट वोटर्स हैं। ऐसे में उनका पक्ष जान पाना इतना आसान नहीं होता। इस बार का चुनाव 15 साल के लालू राज और 15 साल के नीतीश राज के बीच था। जनता ने अपना फैसला ईवीएम मशीनों में बंद कर दिया है और 10 तारीख को नतीजे भी आ जाएंगे।
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आज हम आपको 2015 के एग्जिट पोल और इस साल के एग्जिट पोल के बीच की तुलना बताएंगे। इस साल की बात करें तो ज्यादातर एग्जिट पोल में महागठबंधन को बढ़त दिया गया है। देखिए:-
पार्टी | आज तक/ एक्सिस | टाइम्स नाउ/C Voter | रिपब्लिक TV-जन की बात | TodaysChanakya- News18 |
महागठबंधन | 139-161 | 120 | 118-138 | 180 |
NDA | 69-91 | 116 | 91-117 | 55 |
LJP | 3-5 | 1 | 5-8 | 0 |
Others | 6-10 | 6 | 3-6 | 8 |
अब हम आपको 2015 के एग्जिट पोल के बारे में बताते है। 2015 के एग्जिट पोल निम्नलिखित है:-
India Today - Cicero | Times Now-CVoter | CNN-IBN – Axis | News 24 - Today's Chanakya | |
महागठबंध | 111-123 | 112-132 | 176 | 83 |
NDA | 113-127 | 101-121 | 64 | 155 |
Others | 4-8 | 6-14 | 3 | 5 |
2015 में भाजपा लोजपा हेलो सपा और हम पार्टी एक साथ थी तो वहीं जदयू और राजद तथा कांग्रेस एक साथी उस समय महागठबंधन के लिए चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने रणनीति बनाई थी।
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इस बार का विधानसभा चुनाव बिहार में काफी दिलचस्प माना जा रहा है। भाजपा और नीतीश कुमार एक साथ है तो वही महागठबंधन में कांग्रेस-आरजेडी एक साथ। महागठबंधन के नेता तेजस्वी यादव ने भाजपा और जदयू के गठबंधन को कड़ी चुनौती दी है। एग्जिट पोल में भी देखा गया कि तेजस्वी यादव मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से ज्यादा लोकप्रिय रहे। एग्जिट पोल में सबसे ज्यादा नुकसान नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू को होता दिखाई दे रहा है। कारण यह भी है कि चिराग पासवान ने उनके उम्मीदवारों के खिलाफ ज्यादातर उम्मीदवारों को उतारा था जिससे जदयू के वोट कटे हैं। नीतीश कुमार का यह आखिरी चुनाव हो सकता है। नतीजे बताएंगे कि उनका भविष्य क्या रहेगा। अगर नतीजे उनके पक्ष में आते हैं तो वह मुख्यमंत्री रहेंगे और अगर नतीजे पक्ष में नहीं आते तो उनके राजनीतिक करियर पर ग्रहण लग सकता है।
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