सरकार ने MPSC से नए पाठ्यक्रम पर फिर से विचार करने को कहा : Fadnavis

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आयोग सरकारी नौकरियों के लिए प्रतियोगी परीक्षाएं आयोजित करता है। उन्होंने कहा कि अगर आयोग पुनर्विचार नहीं करता है तो सरकार अदालत जा सकती है। छात्र 2023 से नया पाठ्यक्रम लागू करने के आयोग के फैसले के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं।

महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मंगलवार को कहा कि राज्य सरकार ने महाराष्ट्र लोक सेवा आयोग (एमपीएससी) से कहा है कि वह इस साल से अपनी परीक्षाओं के पाठ्यक्रम में बदलाव के फैसले पर फिर से विचार करे। आयोग सरकारी नौकरियों के लिए प्रतियोगी परीक्षाएं आयोजित करता है। उन्होंने कहा कि अगर आयोग पुनर्विचार नहीं करता है तो सरकार अदालत जा सकती है। छात्र 2023 से नया पाठ्यक्रम लागू करने के आयोग के फैसले के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं।

छात्रों का कहना है कि इसे 2025 तक टाल दिया जाए, क्योंकि नए पाठ्यक्रम के तहत वे पर्याप्त रूप से तैयार नहीं हैं। फडणवीस ने कहा, एमपीएससी एक स्वायत्त निकाय है और राज्य सरकार उसे निर्देश नहीं दे सकती है। उन्होंने कहा कि लेकिन आयोग ने राज्य सरकार के पहले के पत्र का जवाब दिया और सूचित किया कि उसके सदस्यों का विचार है कि पाठ्यक्रम इस वर्ष से ही लागू किया जाए। इससे पहले, फडणवीस ने भी आयोग के फैसले का समर्थन करते हुए कहा था कि देर-सवेर नए पाठ्यक्रम को लागू करना ही है और इसे टालने का कोई मतलब नहीं है।

उन्होंने मंगलवार को कहा कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने आयोग से बातचीत की और कहा कि उसके फैसले को स्वीकार नहीं किया जा सकता है तथा उन्होंने छात्रों के बीच निराशा से भी अवगत कराया। फडणवीस ने कहा, हमने उनसे कहा कि नए पाठ्यक्रम का कोई भी विरोध नहीं कर रहा है, लेकिन मांग यह है कि इसे 2025 से लागू किया जाना चाहिए।

मुख्यमंत्री ने उन्हें एक और पत्र भेज कर उनसे अपने फैसले पर पुनर्विचार करने को कहा है। मुझे भरोसा है कि वे पुनर्विचार करेंगे, लेकिन अगर वे ऐसा नहीं करते हैंतो राज्य सरकार को अदालत जाने जैसे विकल्पों पर सोचना होगा क्योंकि हमें छात्रों के साथ खड़ा होगा।’’ उन्होंने कहा, हम छात्रों को निराश नहीं कर सकते क्योंकि वे हमारा भविष्य हैं। आयोग ने मौजूदा वस्तुनिष्ठ प्रश्न पत्र के बजाय इस वर्ष से वर्णनात्मक प्रश्न पत्र पद्धति को अपनाने का फैसला किया है, जिसका छात्र विरोध कर रहे हैं।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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