कुदरत का कहर: भूस्खलन के मलबे में एक परिवार के चार लोग जिंदा दफन
उत्तराखंड में चमोली जिले की जोशीमठ तहसील के सीमांत क्षेत्र में आज भारी बारिश के दौरान भूस्खलन का मलबा सडक किनारे बने एक टिन शेड पर गिर गया जिससे उसमें रहने वाले दो बच्चों समेत मजदूर परिवार के सभी चार सदस्य जिंदा दफन हो गये।
गोपेश्वर। उत्तराखंड में चमोली जिले की जोशीमठ तहसील के सीमांत क्षेत्र में आज भारी बारिश के दौरान भूस्खलन का मलबा सडक किनारे बने एक टिन शेड पर गिर गया जिससे उसमें रहने वाले दो बच्चों समेत मजदूर परिवार के सभी चार सदस्य जिंदा दफन हो गये। जोशीमठ के उपजिलाधिकारी योगेंद्र कुमार ने 'भाषा' को बताया कि जोशीमठ-मलारी मार्ग पर सुबह इस हादसे का शिकार हुआ मजदूर परिवार नेपाली है। उन्होंने बताया कि भूस्खलन से सीमा सड़क संगठन के एक अस्थायी आवास में रहने वाले नेपाली परिवार के चारों सदस्य हादसे का शिकार हो गए हैं।
अधिकारी ने बताया कि अभी तक दो शव बरामद कर लिये गये हैं जबकि दो अन्य की तलाश की जा रही है। मृतकों की पहचान 36 वर्षीया तुलसी देवी और डेढ़ साल के सुनील के रूप में हुई है जबकि 36 वर्षीय गोपाल और तीन वर्षीय गौरव की तलाश जारी है। उन्होंने कहा कि सूचना मिलने पर राजस्व विभाग, सीमा सड़क संगठन एवं एसडीआरएफ की टीमें घटनास्थल पर पहुंची और राहत एवं बचाव कार्य चलाया।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इस दुर्घटना पर दुख व्यक्त किया है और जिला प्रशासन के अधिकारियों को बीआरओ के संपर्क में रहते हुए राहत और बचाव कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिये हैं। एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि बचाव और राहत कार्यों की निगरानी के लिए जिला प्रशासनिक अधिकारी मौके पर तत्काल पहुंच गये। भारी बारिश और बादल फटने के कारण इस जुम्मा गांव के समीप तमक गधेरे में भी बाढ़ आयी है जिससे जोशीमठ मलारी सीमान्त सड़क का बड़ा हिस्सा क्षतिग्रस्त होने के साथ कुछ आवासीय मकान भी मलबे की चपेट में आकर क्षतिग्रस्त हुए हैं। उधर,ऋषिकेश-बदरीनाथ राष्टीय राजमार्ग पर लामबगड़ में मलबा आने से यातायात अवरूद्ध हो गया है और तीर्थयात्री मार्ग खुलने का इंतजार कर रहे हैं।
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