प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना" का लाभ पाने के लिए भटक रहे मेरठ के किसान

मेरठ,प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का लाभ प्राप्त करना किसानों के लिए अब भी टेढ़ी खीर बना हुआ है। नियमानुसार सम्मान निधि पाने के लिए किसान के आधार कार्ड, बैंक पासबुक, खसरा-खतौनी आदि में एक समान विवरण होना चाहिए। ऐसा न होने पर शासन से आवेदन निरस्त कर दिया जाता है। फिर किसान को अपने कागजों में संशोधन कराकर कृषि विभाग में जमा करना होता है। कृषि विभाग द्वारा शासन इन किसानो का दोबारा आवेदन भेजता है। पिछले छह माह में 2500 किसानों के कागजात शासन को भेजे गए, जिनमें केवल 75 का नाम लाभार्थियों की सूची में जुड़ पाया। ऐसे में किसान कृषि विभाग के चक्कर लगा रहे हैं। मेरठ जिले के लगभग सभी ब्लाकों के किसान इस समस्या से दो-चार हो रहे हैं। विभाग के अफसरों को भी इस समस्या के बारे कुछ सोचना चाहिए।
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के लिए शासन स्तर पर कृषि विभाग के नोडल अधिकारी अपर कृषि निदेशक (दलहन व तिलहन) हैं। मेरठ से किसानों के कागजात उप कृषि निदेशक से घोषणा पत्र के माध्यम से शासन स्तर पर पहुंचते हैं।
गौरतलब है कि पिछले छह महीने में करीब ढाई हजार किसानों के कागजात शासन को भेजे गए थे, जिनमें केवल 75 का नाम लाभार्थियों की सूची में जुड़ पाया। अब किसान परेशान है और विभाग के चक्कर लगाकर थक चुके है। मेरठ जिले के लगभग सभी ब्लाकों के किसान इस समस्या से दो-चार हो रहे हैं। प्रशासनिक स्तर पर तत्काल इस समस्या के निदान के बारे में सोचा जाना चाहिए।
खचेडू निवासी डेलना ,मांगी लाल निवासी इटायरा, कांशी निवासी अनिल कुमार, सांधन निवासी सवित पाल, बातनौर निवासी अली, जंधेड़ी निवासी ब्रजपाल सिंह, किठौर निवासी हामिद अली, कायस्थ गांवडी निवासी गुलशन कुमार, जसड़ निवासी ओमप्रकाश व गोविंदपुरी निवासी राजपाल सिंह आदि ऐसे किसान हैं, जिन्होंने घोषणा पत्र भरकर उप कृषि निदेशक कार्यालय में जमा किया था, लेकिन सम्मान निधि की सूची में उनका नाम नहीं जुड़ा।