एक समय आएग जब... असम में नमाज ब्रेक को खत्म किए जाने पर भड़के फारूक अब्दुल्ला, कहा- सबका हो सम्मान
अब्दुल्ला ने कहा कि यह देश विविधता में एकता के लिए जाना जाता है। हमारे यहां हर धर्म और हर है, चाहे वह तमिलनाडु हो, कश्मीर हो, बंगाल हो या महाराष्ट्र, कोई भी राज्य, हर राज्य की एक अलग संस्कृति है और इसलिए भारत एक संघीय ढांचा है और हमें हर धर्म की रक्षा करनी है।
असम विधानसभा में नमाज ब्रेक खत्म करने को लेकर सियासत जबरदस्त तरीके से तेज हो गई है। कांग्रेस और इंडिया ब्लॉक के नेताओं की ओर से सवाल खड़े किए जा रहे हैं। हालांकि भाजपा हिमंत बिस्वा सरमा की सरकार द्वारा किए गए निर्णय के साथ खड़ी हुई दिखाई दे रही है। इन सब के बीच नेशनल कांफ्रेंस के नेता और जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला कई बयान सामने आया है। वह असम में हुए इस निर्णय से पूरी तरह नाराज हैं और सरकार से सभी धर्मों का सम्मान करने की अपील कर रहे हैं।
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अब्दुल्ला ने कहा कि यह देश विविधता में एकता के लिए जाना जाता है। हमारे यहां हर धर्म और हर है, चाहे वह तमिलनाडु हो, कश्मीर हो, बंगाल हो या महाराष्ट्र, कोई भी राज्य, हर राज्य की एक अलग संस्कृति है और इसलिए भारत एक संघीय ढांचा है और हमें हर धर्म की रक्षा करनी है। उन्होंने आगे कहा कि जब समय आएगा, तो यह बदल जाएगा। कुछ भी स्थायी नहीं है। अच्छी चीजें फिर से प्रबल होंगी। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोगों को भी हर धर्म के लोगों का सम्मान करना चाहिए और उनकी रक्षा करनी चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘हमें हर धर्म के लोगों का ख्याल रखना होगा। जब उनके प्रति हमारा दृष्टिकोण अच्छा होगा, तो पूरे देश में अच्छा होगा।’’
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प्रतिबंधित संगठन जमात-ए-इस्लामी के बारे में नेकां उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला की टिप्पणी को पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती द्वारा ‘‘अफसोसजनक’’ बताए के बारे में पूछे जाने पर नेकां प्रमुख ने कहा एक-दूसरे पर उंगली उठाने से कुछ भी हासिल नहीं होगा। उमर ने हाल ही में कहा था कि प्रतिबंधित संगठन जमात-ए-इस्लामी (जेईआई) कभी चुनावों को ‘हराम’ मानता था, लेकिन अब उनके लिये यह ‘हलाल’ हो गया है। अब्दुल्ला ने कहा, ‘‘मैं उनके बारे में कुछ नहीं कहूंगा। भगवान उन्हें आशीर्वाद दें। वह अपना रास्ता खुद चुनें, लेकिन देश की रक्षा के बारे में सोचें। एक-दूसरे पर उंगली उठाने से कुछ हासिल नहीं होगा। उन्हें इस रास्ते से दूर रहना चाहिए।’’
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