संपत्ति जब्त किए जाने के मामले में फारूक अब्दुल्ला ने दी ED के आदेश को चुनौती

Farooq Abdullah

फारूक अब्दुल्ला ने संपत्ति जब्त किए जाने के मामले में ईडी के आदेश को चुनौती दी है।अब्दुल्ला ने कहा कि ईडी द्वारा कश्मीर और जम्मू में जब्त संपत्ति की सूची अंतिम रिपोर्ट व प्राथमिकी में उल्लिखित कथित आपराधिक गतिविधि से असंबंधित है। उन्होंने इसे उनके मौलिक अधिकारों का लगातार उल्लंघन बताया।

श्रीनगर। नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष और जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के उस आदेश को चुनौती दी है जिसमें एजेंसी ने कथित धनशोधन के एक मामले में करीब 12 करोड़ रुपये मूल्य की उनकी रिहायशी और वाणिज्यिक संपत्ति जब्त की है। फारूक ने ईडी के आदेश को यहां जम्मू कश्मीर उच्च न्यायालय में बुधवार को चुनौती दी। इस याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई होनी है। ईडी ने आरोप लगाया है कि अब्दुल्ला 2001 से 2011 तक जम्मू कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष रहे और इस दौरान उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग किया और निकाय में नियुक्तियां कीं ताकि भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड द्वारा प्रायोजित कोषों में हेराफेरी की जा सके। अब्दुल्ला ने कहा कि ईडी द्वारा कश्मीर और जम्मू में जब्त संपत्ति की सूची अंतिम रिपोर्ट व प्राथमिकी में उल्लिखित कथित आपराधिक गतिविधि से असंबंधित है। उन्होंने इसे उनके मौलिक अधिकारों का लगातार उल्लंघन बताया।

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पार्टी सांसद हसनैन मसूदी के अनुसार ईडी द्वारा जब्त संपत्ति या तो पैतृक थीं या कथित अपराध होने से पहले ली गयी थीं। इसलिए वे किसी धनशोधन मामले या आपराधिक गतिविधि से संबंधित नहीं है। अब्दुल्ला ने मामले में ईडी की वैधता को लेकर सवाल किया और अपनी याचिका में कहा कि ईसीआईआर (प्रवर्तन आयोग सूचना रिपोर्ट) दर्ज किए जाने की तारीख और जांच की शुरुआत के समय जम्मू कश्मीर राज्य, जम्मू कश्मीर के संविधान, 1956 द्वारा शासित था और भारत के संविधान के अनुच्छेद 370 के तहत राज्य को विशेष दर्जा प्राप्त था। उन्होंने कहा कि ईडी ने 28 दिसंबर, 2018 को रणबीर दंड संहिताके तहत यह पता लगाए बिना मामला दर्ज किया कि क्या यह उसके अधिकार क्षेत्र में है या नहीं।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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