नाबालिग से रेप के मामलों में मौत की सजा के लिए लाया जाए विधेयक: फारूक अब्दुल्ला

Farooq Abdullah wants bill to award death penalty for raping minors
[email protected] । Apr 16 2018 8:21AM

विपक्षी दल नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने मांग की कि नाबालिगों से बलात्कार करने वालों के लिए मौत की सजा का प्रावधान करने की खातिर एक विधेयक लाया जाए

श्रीनगर। विपक्षी दल नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने मांग की कि नाबालिगों से बलात्कार करने वालों के लिए मौत की सजा का प्रावधान करने की खातिर एक विधेयक लाया जाए और इसके लिए जम्मू-कश्मीर विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया जाए। अब्दुल्ला ने यह टिप्पणी जम्मू-कश्मीर के कठुआ में आठ वर्षीय एक बच्ची से बलात्कार और उसकी हत्या की बर्बर घटना की देशभर में हो रही निंदा की पृष्ठभूमि में की।

उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘इस तरह के मामलों में मौत की सजा का प्रावधान किया जाना चाहिए।’ अब्दुल्ला ने कहा, ‘वह (कठुआ मामले में पीड़ित बच्ची) मेरी बेटी की तरह है। ऊपर वाले का शुक्रिया कि देश की आंखे खुल गई और इसे बहुत गंभीरता से लिया गया। मुझे उम्मीद है कि न्याय होगा और हम विधानसभा सत्र में एक विधेयक लाएंगे जिसमें इस तरह की घटनाओं में मौत की सजा का प्रावधान किया जाएगा।’

उन्होंने कहा कि इस तरह के अपराधों पर रोक लगाने के लिए विधेयक पारित किया जाए और इसके लिए पीडीपी-भाजपा की सरकार को विधानसभा का विशेष सत्र बुलाना चाहिए। अब्दुल्ला ने कहा, ‘सरकार केवल इस काम के लिए विशेष सत्र बुलाए। विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया जाएगा और विधेयक पारित किया जाएगा तो यह भविष्य के लिए बहुत अच्छा होगा, ऐसे अपराध नहीं होंगे।’

जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने भी कहा है कि उनकी सरकार नया कानून लाकर नाबालिगों से बलात्कार करने वालों के लिए मौत की सजा को अनिवार्य बनाएगी। महबूबा ने 12 अप्रैल को ट्वीट किया था, ‘हम किसी और बच्ची को इस तकलीफ से नहीं गुजरने देंगे। हम नया कानून लाएंगे जिसमें नाबालिगों से बलात्कार करने वालों के लिए मौत की सजा को अनिवार्य बनाया जाएगा।’ 

इस बीच पार्टी द्वारा जारी एक बयान के अनुसार अब्दुल्ला ने पार्टी की एक बैठक को संबोधित करते हुए कठुआ की घटना पर दुख जताया और अपराधियों को सबक देने वाली सजा दिए जाने की मांग की। अब्दुल्ला ने कहा कि यह घटना खानाबदोश गुज्जर-बकरवाल समुदायों के उत्पीड़न, डराने धमकाने और अधिकार छीनने से जुड़ी राजनीति का परिणाम है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार के मंत्रियों ने समुदाय को खुलेआम धमकी दी।

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