कंचनजंगा अभियान में मारे गए पर्वतारोही के पिता ने कहा, मुझे आभास था वह वापस नहीं लौटेगा

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[email protected] । May 17 2019 9:00AM

पूर्व में एवरेस्ट की चढ़ाई कर चुके बिप्लब बैद्य (48) और कुंतल करार (46) हाइपोथर्मिया और हिमांधता के कारण 8,586-मीटर शिखर के नजदीक से अपना अवरोहण जारी नहीं रख सके और बुधवार की रात कैंप चार के ऊपर उन्होंने दम तोड़ दिया।

कोलकाता। एक अभियान के दौरान कंचनजंगा पर्वत चोटी के निकट जान गंवाने वाले पश्चिम बंगाल के दो पर्वतारोहियों के परिवार में मातम छाया हुआ है। पूर्व में एवरेस्ट की चढ़ाई कर चुके बिप्लब बैद्य (48) और कुंतल करार (46) हाइपोथर्मिया और हिमांधता के कारण 8,586-मीटर शिखर के नजदीक से अपना अवरोहण जारी नहीं रख सके और बुधवार की रात कैंप चार के ऊपर उन्होंने दम तोड़ दिया। बिप्लब सफलतापूर्वक शिखर तक पहुंचे जबकि कुंतल रास्ते में बीमार हो गये। कुंतल के पिता ने चांदीचरण ने कहा कि उनका बेटा नेपाल में दुनिया के तीसरे सबसे ऊंचे पर्वत के शिखर पर पंहुचने के करीब थे।

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बचाव टीम जब उन्हें आधार शिविर की ओर ला रही थी तब उन्होंने दम तोड़ दिया। चांदीचरण ने बताया कि हमने कल उससे बात की थी। वह बहुत खुश था। बचपन से ही उसे दुर्गम यात्रा से प्रेम था। हम लोगों को उस पर बहुत गर्व है। जिस समय वह जा रहा था, मुझे अहसास हुआ कि वह वापस नहीं लौटेगा। लेकिन उसने कहा, वह वापस लौटेगा। वर्ष 2014 में माउंट एवरेस्ट की चढ़ाई करने वाले बिप्लब का पहला प्यार पर्वतारोहण था। 

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