GDP Slow होने पर निर्मला सीतारमण बोली- दूसरी तिमाही की सुस्ती प्रणालीगत नहीं, तीसरी तिमाही में होगी भरपाई

 Nirmala Sitharaman
ANI

देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि आम चुनाव और पूंजीगत व्यय में कमी के कारण पहली तिमाही में रफ्तार में कमी देखी गई है। बरहाल, दूसरी तिमाही पर भी इसका काफी असर देखने को मिला है। निर्मला सीतारमण ने आगे कहा कि- तीसरी तिमाही में होगी भरपाई।

शुक्रवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि देश में सिंतबर तिमाही में आर्थिक वृद्धि दर में काफी सुस्ती देखने को मिली है और यह प्रणालीगत नहीं है और दूसरी तिमाही पर भी इसका काफी असर देखने को मिला है। निर्मला सीतारमण ने आगे कहा कि- तीसरी तिमाही में होगी भरपाई। जुलाई-सितंबर तिमाही में देश का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) सात तिमाहियों के निचले स्तर 5.4 प्रतिशत की दर से बढ़ा है। वहीं अप्रैल-जून तिमाही में वृद्धि दर 6.7 प्रतिशत थी।

निर्मला सीतारमण ने आगे कहा- अगले साल भारत की अर्थव्यवस्था बढ़ेगी

उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति में वृद्धि आंकड़ों पर बुरा असर पड़ना जरूरी नहीं है। उन्होंने कहा, हमें कई अन्य कारकों पर भी ध्यान देने की जरूरत है। वित्त मंत्री ने कहा कि भारत अगले साल और उसके बाद भी सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बना रहेगा। आम चुनाव और पूंजीगत व्यय में कमी के कारण पहली तिमाही में वृद्धि की रफ्तार सुस्त रही। इसका असर दूसरी तिमाही पर भी पड़ा है। पहली छमाही में सरकार ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए11.11 लाख करोड़ रुपये के अपने पूंजीगत व्यय लक्ष्य का सिर्फ 37.3 प्रतिशत ही खर्च किया। सीतारमण ने कहा कि आर्थिक वृद्धि को प्रभावित करने वाले अन्य कारकों में वैश्विक मांग में स्थिरता भी शामिल है, जिसने निर्यात वृद्धि को प्रभावित किया है। उन्होंने कहा, भारतीयों की क्रय शक्ति बढ़ रही है, लेकिन भारत के भीतर आपको वेतन में वृद्धि के स्थिर होने से जुड़ी चिंताएं भी हैं। हम इन कारकों से अच्छी तरह वाकिफ हैं। इनका भारत की अपनी खपत पर प्रभाव पड़ सकता है।

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