प्रवासी भारतीयों को लेकर विदेशी राष्ट्रों की अच्छी यादें हैं: भागवत
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने रविवार को कहा कि कई देशों में भारतीय लंबे समय तक रहे हैं और उन समाजों की प्रवासी भारतीयों को लेकर अच्छी यादें हैं।
मुंबई। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने रविवार को कहा कि कई देशों में भारतीय लंबे समय तक रहे हैं और उन समाजों की प्रवासी भारतीयों को लेकर अच्छी यादें हैं। उन्होंने कहा कि दशकों से दूसरे देशों में रह रहे भारतीयों को लेकर कहीं कोई शिकायत नहीं है और यह विरासत नयी पीढ़ी को भी बढ़ानी चाहिए। भागवत यहां एक कार्यक्रम में बोल रहे थे जहां कुछ ऐतिहासिक हस्तियों पर केंद्रित लघु फिल्मों का संकलन जारी किया गया।
इस मौके पर समारोह में अल्पसंख्यक मामलों के केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी भी मौजूद थे। ये फिल्में कम चर्चित हस्तियों से जुड़ी जानकारी पेश करती हैं जिन्होंने भारत की आजादी और राष्ट्र निर्माण में अहम भूमिका अदा की। भागवत ने कहा, ‘भारतीय मैक्सिको से लेकर साइबेरिया तक सालों से कई देशों में रहे हैं लेकिन उन समाजों ने इसे उनकी खूबसूरत यादों के रूप सहेजा है।’
उन्होंने कहा, ‘लंबे समय से वहां रह रहे भारतीयों को लेकर उन्हें कोई शिकायत नहीं है। यह वह भारत (विरासत) है जो हमें विरासत में मिला है और हमें इसे नयी पीढ़ी तक पहुंचाना चाहिए। भारत की यह विरासत नयी पीढ़ी के लिये प्रेरणा होनी चाहिए।’ संघ प्रमुख ने कहा कि चीन ने बौद्ध दर्शन को भारत से ग्रहण किया।
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