विदेशी सैलानी कश्मीर को मान रहे पहले से ज्यादा सुरक्षित, पर्यटकों की संख्या में हुआ इजाफा

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अभिनय आकाश । Oct 3 2019 6:12PM

रिपोर्ट के अनुसार मौजूदा मौसम में घाटी में सैलानियों की अच्छी-खासी भीड़ होती है। पिछले साल इस दौरान 9 हजार 589 सैलानी घाटी में घूमने आए थे। हालांकि, इस बार इन आंकड़ों में भारी गिरावट आई है लेकिन फिर भी मौजूदा परिस्थितियों में इतनी तादाद में सैलानियों का घाटी में मौजूद होना असामान्य है। इतना ही नहीं, विदेशी पर्यटकों की तुलना में यहां घरेलू पर्यटकों की मौजूदगी में अपेक्षाकृत ज्यादा गिरावट आई है।

जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने के बाद घाटी के हालात पर लगातार केंद्र सरकार की कड़ी नजर है। गृह मंत्री अमित शाह से लेकर एनएसए प्रमुख अजीत डोभाल लगातार कश्मीर के हालात सामान्य बनाने को लेकर बैठक और दौरा कर रहे हैं। ऐसे में धरती का स्वर्ग कहे जाने वाले जम्मू कश्मीर की मौजूदा परिस्थितियों में लोग घूमने की जगह के चयन में कश्मीर का नाम आते ही अभी छोड़ा सा हिचक जाएंगे। ऐसे में जब देश के पर्यटक ही हिचक रहे हों तो फिर विदेशी पर्यटकों के बारे में तो सोच भी नहीं सकते। लेकिन अगर आप डल झील की ओर रुखसत होंगे तो बेहद ही आश्चर्य करने वाले दृश्य से दो-चार होंगे। विदेशी पर्यटकों को कश्मीर की शांति बेहद पसंद आ रही है जिसके कारण लगातार विदेशी सैलानियों का आना लगा हुआ है। एक अंग्रेजी अखबार की रिपोर्ट के अनुसार अनुच्छेद 370 हटने के बाद से 30 सितंबर तक कुल 4 हजार 167 ही घरेलू पर्यटक श्रीनगर एयरपोर्ट पहुंचे हैं। जबकि पिछले साल के आंकड़ों की बात करें तो पिछले साल 1 लाख 45 हजार घरेलू नागरिक कश्मीर पहुंचे थे। 

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गौरतलब है कि 5 अगस्त को भारत सरकार ने जम्मू-कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा वापस ले लिया था। इसके बाद से घाटी के लगभग सभी इलाकों में कर्फ्यू जैसे हालात थे। हालांकि, इन परिस्थितियों में भी 5 और 6 अगस्त को घाटी में क्रमशः 24 और 9 विदेशी सैलानी मौजूद थे। इसके बाद से लगातार प्रतिबंधों के बीच जम्मू-कश्मीर में घरेलू सैलानियों की मौजूदगी शून्य हो गई थी लेकिन इस बीच भी विदेशी सैलानियों का आना जारी रहा। फॉरेनर्स रजिस्ट्रेशन ऑफिस की मानें तो 5 अगस्त से 30 सितंबर के बीच 928 विदेशी टूरिस्ट श्रीनगर एयरपोर्ट पहुंचे थे। हालांकि, इनमें पत्रकारों को शामिल नहीं किया गया है।

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रिपोर्ट के अनुसार मौजूदा मौसम में घाटी में सैलानियों की अच्छी-खासी भीड़ होती है। पिछले साल इस दौरान 9 हजार 589 सैलानी घाटी में घूमने आए थे। हालांकि, इस बार इन आंकड़ों में भारी गिरावट आई है लेकिन फिर भी मौजूदा परिस्थितियों में इतनी तादाद में सैलानियों का घाटी में मौजूद होना असामान्य है। इतना ही नहीं, विदेशी पर्यटकों की तुलना में यहां घरेलू पर्यटकों की मौजूदगी में अपेक्षाकृत ज्यादा गिरावट आई है। ऐसे में सवाल उठता है कि विदेशी सैलानियों की इतनी संख्या में मौजूदगी घाटी में क्यों है? कुछ लोग बताते हैं कि विदेशी इस समय कश्मीर को पहले से ज्यादा सुरक्षित मान रहे हैं क्योंकि अभी यहां की सुरक्षा व्यवस्था केंद्र सरकार के अधीन है। इसके अलावा सैलानियों को घाटी इसलिए भी लुभा रहा है क्‍योंकि इस समय पयर्टकों को सस्‍ती दर में अच्‍छी सुविधा मिल रही है। पीक टाइम में जहां हाउसबोट का किराया दस हजार होता है वहीं अब यह ढाई से चार हजार के बीच में आसानी से उपलब्‍ध है। कारण जो भी हो लेकिन कश्मीर घाटी और उसके पर्यटन के लिए अच्छी बात है कि विदेशी सैलानियों में धरती के स्वर्ग का क्रेज और भी बढ़ गया है।

 

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