वन विभाग को मिली है जंगली सूअरों को मारने की अनुमति, तमिलनाडु सरकार ने HC को दी जानकारी
सरकारी रिपोर्ट के अनुसार, जंगली सूअरों को मारने का आदेश पहली बार 22 जुलाई 2017 को जारी किया गया था। बाद में आदेश लागू रहने की अवधि को 25 जनवरी 2019 तक के लिए बढ़ा दिया गया था।
चेन्नई। तमिलनाडु सरकार ने मद्रास उच्च न्यायालय को बताया है कि सरकार ने वन विभाग को राज्य के नौ जिलों में कृषि को नुकसान पहुंचाने वाले जंगली सूअरों को गोली मारने की अनुमति प्रदान की है। डिंडीगुल के निवासी ए आर गोकुलकृष्णन की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान सरकार ने अपना पक्ष रखा। यचिका में कहा गया था पहाड़ी क्षेत्रों में जंगली सूअरों की संख्या कई गुना बढ़ गई है इसलिए इस समस्या का तत्काल समाधान निकालना आवश्यक है। सरकार के पक्ष को दर्ज करते हुए मुख्य न्यायाधीश ए पी साही और न्यायमूर्ति सेंथिल कुमार राममूर्ति ने याचिका को खारिज कर दिया।
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सरकारी रिपोर्ट के अनुसार, जंगली सूअरों को मारने का आदेश पहली बार 22 जुलाई 2017 को जारी किया गया था। बाद में आदेश लागू रहने की अवधि को 25 जनवरी 2019 तक के लिए बढ़ा दिया गया था। इसके बाद छह मई को विभाग ने आदेश की अवधि को अगले एक साल के लिए पुनः विस्तार दे दिया था।
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