पूर्व विधायक हत्या मामला : अरुणाचल सरकार उग्रवादी नेता का पता-ठिकाना बताने वाले को देगी इनाम

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माटे 2009 में कांग्रेस के टिकट पर खोंसा वेस्ट विधानसभा सीट से विधायक बने थे। वह 2015 में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो गए थे और उन्होंने 2024 का विधानसभा चुनाव लड़ने की इच्छा जतायी थी। राजनीति में आने से पहले वह चांगलांग जिले में प्रौढ़ शिक्षा अधिकारी थे। राज्य सरकार ने 21 दिसंबर को उनकी हत्या का मामला राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) को सौंपने का फैसला किया था, इसके बाद राज्य के गृह विभाग ने इस मामले में एनआईए को उचित निर्देश देने के लिए मामला गृह मंत्रालय को भेज दिया था। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, मार्च 2000 के बाद से राज्य में उग्रवाद संबंधी 239 घटनाओं में से 183 घटनाएं तिरप-चांगालंग-लोंगडिंग (टीसीएल) क्षेत्र में हुईं।

प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन नेशनलिस्ट सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नगालैंड-खापलांग (एनएससीएन-के) के युंग आंग गुट के इस महीने की शुरुआत में अरुणाचल प्रदेश के पूर्व विधायक युमसेन माटे की हत्या की जिम्मेदारी लेने के बाद राज्य सरकार ने हत्या के मुख्य साजिशकर्ता का पता-ठिकाना बताने वाले को नकद इनाम देने की घोषणा की है। भारत-म्यांमा सीमा पर तिरप जिले के राहो गांव में 16 दिसंबर को बंदूकधारियों ने कांग्रेस के पूर्व विधायक की गोली मारकर हत्या कर दी थी। तिरप के पुलिस अधीक्षक राहुल गुप्ता ने संगठन के नगा आर्मी नंबर 130076 के स्वयंभू ब्रिगेडियर तोंगलु अखम हासिक के बारे में सूचना देने वाले को 2.5 लाख रुपये का नकद इनाम देने की शुक्रवार को घोषणा की। ऐसा आरोप है कि वह माटे की हत्या में शामिल है।

उग्रवादी संगठन ने बृहस्पतिवार को एक बयान में दावा किया कि माटे की ‘‘एनएससीएन विरोधी गतिविधियों में सक्रिय रूप से शामिल’’ होने के कारण हत्या की गयी। बयान में कहा गया, ‘‘माटे अरुणाचल प्रदेश के तिरप जिले में एनएससीएन विरोधी प्रचार के मुख्य कर्ताधर्ता थे। उन्होंने एनएससीएन और गवर्नमेंट ऑफ पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ नगालिम (जीपीआरएन) के खिलाफ साजिश रची थी।’’ संगठन ने हालांकि कहा कि इस मामले का आगामी अरुणाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव से कोई लेना-देना नहीं है क्योंकि एनएससीएन और जीपीआरएन कभी भी राज्य की राजनीति में हस्तक्षेप नहीं करेंगे। माटे अपने तीन समर्थकों के साथ किसी काम के लिए गांव गए थे, जहां कोई व्यक्ति पूर्व विधायक को किसी बहाने से जंगल में ले गया और गोली मार दी, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई थी।

माटे 2009 में कांग्रेस के टिकट पर खोंसा वेस्ट विधानसभा सीट से विधायक बने थे। वह 2015 में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो गए थे और उन्होंने 2024 का विधानसभा चुनाव लड़ने की इच्छा जतायी थी। राजनीति में आने से पहले वह चांगलांग जिले में प्रौढ़ शिक्षा अधिकारी थे। राज्य सरकार ने 21 दिसंबर को उनकी हत्या का मामला राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) को सौंपने का फैसला किया था, इसके बाद राज्य के गृह विभाग ने इस मामले में एनआईए को उचित निर्देश देने के लिए मामला गृह मंत्रालय को भेज दिया था। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, मार्च 2000 के बाद से राज्य में उग्रवाद संबंधी 239 घटनाओं में से 183 घटनाएं तिरप-चांगालंग-लोंगडिंग (टीसीएल) क्षेत्र में हुईं।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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