स्कूल में 8 बच्चों का धर्म बदलवाने का आरोप, स्कूल में की गई तोड़फोड़

Four detained for creating ruckus over conversion in missionary school

मध्यप्रदेश के मिशनरी स्कूल में धर्मांतरण को लेकर हंगामा करने के आरोप में चार हिरासत में लिए गए।स्कूल ने धर्म परिवर्तन के आरोप से इंकार किया है। मिश्रा ने पत्रकारों से कहा,गंजबासौदा की घटना का प्रकार और प्रकृति अलग है।चार लोगों को हिरासत में लिया गया है और ऐसी घटनाओं को दोबारा होने से रोकने के निर्देश दिए गए हैं।

भोपाल। मध्य प्रदेश के विदिशा जिले के गंजबासौदा कस्बे के एक मिशनरी स्कूल में आठ छात्रों का कथित धर्मांतरण करा ईसाई बनाने के आरोपों को लेकर दक्षिणपंथी संगठनों के कार्यकर्ताओं ने स्कूल में तोड़फोड़ की और हंगामा किया। इस मामले में पुलिस ने चार लोगों को हिरासत में लिया है। मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने मंगलवार को कहा कि पुलिस को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है कि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों। राजधानी भोपाल से लगभग 105 किलोमीटर दूर गंजबासौदा में सेंट जोसेफ स्कूल परिसर में हुई घटना के बाद पुलिस ने सोमवार को अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ भादंवि की विभिन्न धाराओं में दंगा करने का मामला दर्ज किया। स्कूल ने धर्म परिवर्तन के आरोप से इंकार किया है। मिश्रा ने पत्रकारों से कहा, ‘‘ गंजबासौदा की घटना का प्रकार और प्रकृति अलग है। चार लोगों को हिरासत में लिया गया है और ऐसी घटनाओं को दोबारा होने से रोकने के निर्देश दिए गए हैं।’’

इसे भी पढ़ें: यूपी में टेस्‍ट व वैक्‍सीनेशन से लगेगी ओमीक्रान पर लगाम, 9 लोगों में हुई संक्रमण की पुष्टि

उन्होंने दोहराया कि सभी जगहों (गंजबासौदा जैसे), पीएफआई (पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया) और धर्मांतरण के लिए विदेशी धन का इस्तेमाल कर रहे गैर सरकारी संगठन, जांच के दायरे में हैं। दक्षिणपंथी संगठनों ने सेंट जोसेफ चर्च और स्कूल पर धर्मपरिवर्तन में शामिल होने का आरोप लगाया था जबकि स्कूल ने इस आरोप से इंकार किया है। प्रत्यक्षदर्शियों ने सोमवार को बताया था कि हंगामे के दौरान स्कूल की इमारत पर पथराव किया गया। स्कूल प्रबंधन के एक प्रवक्ता ने सोमवार को कहा था कि मीडिया के माध्यम से विरोध प्रदर्शन की जानकारी मिलने के बाद स्थानीय प्रशासन को पहले ही सूचित कर दिया गया था। लेकिन लोग इकट्ठा होने लगे और पथराव से स्कूल की संपत्ति को नुकसान पहुंचा। उन्होंने बताया कि जब यह घटना हुई, उस वक्त स्कूल में छात्र अपनी परीक्षाएं देने के लिए मौजूद थे।

इसे भी पढ़ें: Parliament Diary । आजादी के बाद नहीं हुई जातिवार गणना, पूर्वोत्तर से AFSPA हटाने की उठी मांग

विश्व हिन्दू परिषद के पदाधिकारी नीकेश अग्रवाल ने ‘पीटीआई-भाषा’ कोसोमवार को कहा कि उन्होंने शांतिपूर्ण तरीके से विरोध प्रदर्शन किया और प्रशासन को ज्ञापन भी सौंपा है। अग्रवाल ने कहा, ‘‘हमारा कथित हंगामे से कोई लेना-देना नहीं है क्योंकि स्थानीय प्रशासन को सूचित करने के बाद हमारा विरोध प्रदर्शन शांतिपूर्ण था। इस धर्मांतरण के खिलाफ पिछले एक सप्ताह से कई संगठन विरोध कर रहे हैं और इसकी जांच की मांग कर रहे हैं। दूसरे राज्यों से लाए गए गरीब छात्रों का कथित तौर पर धर्मांतरण किया जारहा है।’’ स्थानीय प्रशासन को सौंपे गए ज्ञापन में विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल, हिंदू जागरण मंच व अन्य संगठनों ने स्कूल प्रबंधन पर आठछात्रों का ईसाई धर्म में परिवर्तन करने का आरोप लगाया है। इस ज्ञापन में इन संगठनों ने स्कूल और उसके चर्च पर विदेशों से पैसे लेने,छात्रों को तिलक नहीं लगाने और कलावा (कलाई में हिंदुओं द्वारा पहना जानेवाला पवित्र धागा) नहीं बांधने के लिए मजबूर करने का भी आरोप लगाया गया है। इसके अलावा, यह भी आरोप लगाया गया कि छात्रों को ईसाई धर्म की प्रार्थना करने के लिए मजबूर किया जा रहा है। रविवार को जिलाधिकारी को लिखे पत्र में सेंट जोसेफ चर्च ने हालांकि धर्मांतरण के सभी आरोपों से इंकार किया और दावा किया कि 30 अक्टूबर को आठ ईसाई बच्चों पर किए गए अनुष्ठान हिंदू धर्म में जनेऊ संस्कार की तरह थे। चर्च ने इस मामले की जांच करने का भी आग्रह किया ताकि सच्चाई का पता चल सके।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़