चौदह वर्ष के कुशासन को ‘सुशासन’ में बदला: रघुवर दास

fourteen-years-of-misrule-changed-in-good-governance-says-raghuvar-das
[email protected] । Dec 28 2018 5:53PM

दास ने कहा, ‘‘मैंने झारखंड राज्य बनने के बाद पहले चौदह वर्षों में राजनीतिक अस्थिरता एवं उसके कुप्रभावों को महसूस किया है। उस दौरान मैंने जान लिया कि विकास के लिए राज्य में राजनीतिक स्थिरता आवश्यक है।’’

 रांची। झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने शुक्रवार को अपनी सरकार के चार वर्ष पूरे होने पर दावा किया कि उनकी सरकार ने राजनीतिक स्थिरता की बदौलत राज्य में चैदह वर्ष के कुशासन को ‘सुशासन’ में बदला। साथ ही उन्होंने महिला सशक्तिकरण के लिए ‘मुख्यमंत्री सुकन्या’ योजना की भी घोषणा की। झारखंड में भाजपा सरकार के चार वर्ष पूरे होने पर दास ने अपने आवास पर आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में यह दावा किया। दास ने कहा, ‘‘मैंने झारखंड राज्य बनने के बाद पहले चौदह वर्षों में राजनीतिक अस्थिरता एवं उसके कुप्रभावों को महसूस किया है। उस दौरान मैंने जान लिया कि विकास के लिए राज्य में राजनीतिक स्थिरता आवश्यक है।’’

दास ने कहा, ‘‘मैं पिछले विधानसभा चुनावों में राजनीतिक स्थिरता देने के लिए राज्य की जनता को नमन करता हूं। इसका लाभ यह हुआ कि चौदह वर्षों के कुशासन को हमने सुशासन में बदल दिया।’’ मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘विकास को तरसते झारखंड को हमारी सरकार ने भ्रष्टाचारमुक्त झारखंड, नक्सलवाद मुक्त झारखंड और विकास की ऊंचाइयों को छूते झारखंड में बदल दिया है।’’ उन्होंने कहा कि चार वर्ष के शासन काल में उनकी सरकार पर भ्रष्टाचार का एक भी दाग नहीं लगा है जबकि भ्रष्टाचार के मामलों में अबतक साढ़े तीन सौ से अधिक लोग गिरफ्तार किये गये हैं।

यह भी पढ़ें: दलित युवक की मौत: मानवाधिकार आयोग ने भेजा योगी सरकार को नोटिस

मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि राज्य में पहली जनवरी से ‘मुख्यमंत्री सुकन्या योजना’ लागू की जायेगी। इसके तहत पहली जनवरी, 2019 से पैदा होने वाली किसी भी बेटी की मां के खाते में तत्काल पांच हजार रुपये डीबीटी के माध्यम से जमा कर दिये जायेंगे। इसके बाद पहली कक्षा में जाने पर, पांचवीं कक्षा में जाने पर, आठवीं, फिर दसवीं और बारहवीं कक्षा में बेटी के पहुंचने पर उसकी मां के खाते में पांच-पांच हजार रुपये सरकार जमा करती रहेगी। बेटी के 18 से 20 वर्ष की होने पर उसकी मां के खाते में एक बार फिर दस हजार रुपये जमा किये जायेंगे। आगे यदि वह पढ़ना चाहेगी तो सरकार उसका खर्च उठायेगी अन्यथा विवाह के लिए सरकार उसे तीस हजार रुपये फिर देगी।

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़