गांधीजी की हत्या के लिए संघ पर दोषारोपण नहीं कियाः राहुल
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने आज उच्चतम न्यायालय से कहा है कि उन्होंने आरएसएस को कभी ऐसी संस्था के रूप में दोषारोपित नहीं किया जिसने महात्मा गांधी की हत्या की है।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने आज उच्चतम न्यायालय से कहा है कि उन्होंने आरएसएस को कभी ऐसी संस्था के रूप में दोषारोपित नहीं किया जिसने महात्मा गांधी की हत्या की है बल्कि कहा है कि इससे संबद्ध एक व्यक्ति उनके वध के लिए जिम्मेदार है। न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा एवं आरएस नरीमन की पीठ ने कहा कि यदि शिकायतकर्ता राजी हो जाए तो वह याचिका को निस्तारित कर देंगे। पीठ राहुल की उस याचिका की सुनवाई कर रही है जिसमें मानहानि के एक मामले में एक आरोपी के रूप में उनके नाम सम्मन जारी करने को चुनौती दी गयी है।
पीठ ने ध्यान दिलाया कि कांग्रेस नेता ने बंबई उच्च न्यायालय में एक हलफनामा दायर कर उनके खिलाफ दायर मानहानि का मामला खारिज करने को कहा है। उन्होंने कहा कि एक चुनावी रैली को सम्बोधित करते हुए उन्होंने महात्मा गांधी के वध के लिए एक संस्था के रूप में आरएसएस पर दोषारोपण नहीं किया बल्कि उससे संबंधित एक व्यक्ति पर किया है। पीठ ने इस मामले की सुनवाई एक सितंबर के लिए टाल दी। पीठ ने शिकायतकर्ता के वकील यू आर ललित से कहा कि वह शिकायतकर्ता से निर्देश लें कि यदि राहुल के बयान को रिकार्ड पर लिया जाए तो क्या वह शिकायत वापस लेने को तैयार हैं।
कांग्रेस उपाध्यक्ष की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने उच्च न्यायालय में दायर हलफनामे की ओर पीठ का ध्यान आकृष्ट किया। करीब आधे घंटे तक मामले की सुनवाई करने वाली पीठ ने कहा, ‘‘हम यह समझे हैं कि आरोपी ने आरएसएस को उस संस्था के रूप में दोषारोपित नहीं किया है जिसने महात्मा गांधी की जान ली थी बल्कि उससे संबंधित एक व्यक्ति पर किया था।’’
शीर्ष न्यायालय ने 27 जुलाई को महाराष्ट्र की निचली अदालत की राहुल गांधी के खिलाफ दायर आपराधिक मानहानि शिकायत मामले की जांच पुलिस से करवाने का निर्देश देने के लिए आलोचना की। यह शिकायत उस टिप्पणी को लेकर की गयी थी जिसमें उन्होंने महात्मा गांधी के वध के लिए कथित रूप से आरएसएस पर दोषारोपण किया। इसी पीठ ने यह भी टिप्प्णी की थी कि कांग्रेस नेता को किसी संगठन (आरएसएस) की ‘‘समवेत निन्दा’’ नहीं करनी चाहिए तथा यदि उन्होंने खेद नहीं जताया तो उनको मुकदमे का सामना करना पड़ेगा।
आरएसएस की भिवंडी इकाई के सचिव राजेश महादेव कुंटे ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया है कि राहुल ने छह मार्च 2015 में सोनाले की एक चुनावी सभा में कहा था, ‘‘आरएसएस के लोगों ने गांधीजी की जान ली।’’ यह मामला ठाणे जिले की भिवंडी में मजिस्ट्रेट अदालत में विचाराधीन है। इससे पहले पीठ ने सवाल उठाया था और हैरत जतायी थी कि उन्होंने गलत ऐतिहासिक तथ्यों को पेश करते हुए यह भाषण क्यों दिया। मानहानि के मामले में दो साल तक की सजा का प्रावधान है। कुंटे ने आरोप लगाया है कि कांग्रेस नेता ने अपने भाषण के जरिये आरएसएस की छवि को खराब करने का प्रयास किया।
इस शिकायत के बाद मजिस्ट्रेट की अदालत ने कार्यवाही करते हुए गांधी को नोटिस जारी किया तथा उसके समक्ष पेश होने का निर्देश दिया। कांग्रेस नेता को इस साल छह जनवरी को अदालत में पेश होने के लिए कहा गया था। राहुल ने इसके बाद उच्च न्यायालय की शरण लेते हुए मामले को खारिज करने और उन्हें पेश होने से छूट देने का अनुरोध किया। उच्च न्यायालय ने याचिका को खारिज कर दिया और अपने आदेश पर रोक लगाने से इंकार कर दिया। इसके बाद मामले को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी गयी।
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