कोरोना के इलाज के लिए गंगा जल बनेगा संजीवनी, BHU के विशेषज्ञों की पढ़ें पूरी रिसर्च

Ganga water
रेनू तिवारी । Sep 13 2021 11:31AM

काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के तंत्रिकारोग विशेषज्ञों डॉक्टर वीएन मिश्रा और डॉक्टर अभिषेक पाठक ने दावा किया है कि गंगा जल कोविड-19 के इलाज में कारगर साबित हो सकता है।

कोरोना वायरस की दूसरी लहर ने भारत की कमर तोड़कर रख दी। दूसरी लहर के दौरान देश में हालात इतने डरावने थे मानों ऐसा लग रहा था कि कल की सुबह देख पाएंगे या नहीं! हर दिन लोग अपनों को खो रही थे। रोजाना फेजबुक पर एक नयी तस्वीर के साथ लोगों को श्रद्धांजलि देते हुए देखा जा रहा था। कोरोना काल में मरीजों की इतनी बढ़ गयी थी कि अस्पतालों में जगह ही नहीं बची थी। कोरोना की संजीवनी मानी जाने वाली ऑक्सीजन की राज्यों में भारी कमी हो गयी। बड़े-बड़े अस्पतालों में हजारों मरीजों ने ऑक्सीजन की कमी से दल तोड़ दिया था। इस दौरान हालात कुछ ऐसे दर्दनाक थे कि इलाज की कमी से जाने निकलती जा रही थी लेकिन उनके शवों को जलाने के लिए श्मशानों में जमीन कम पड़ रही थी। श्मशान में अपनों का अंतिम संस्कार करने के लिए लोगों को 52-52 घंटे का इंतजार करना पड़ रहा था। कुछ लोगों ने तो हालत की मार पड़ने से अपनों के शव को नदियों में डाल दिया जो बहते-बहते दूसरे राज्यों तक पहुंच गये। दूसरी लहर का मंजर बहुत ही विभत्समय था। इस हालात में भी कई लोगों का इमान मर चुका था वह ऑक्सीजन और कोरोना की दवाइयों की कालाबाजारी कर रहे थे। 

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कोरोना के इलाज में कारगर साबित हो सकता है गंगा जल 

एक तरफ सरकारें कोरोना रोधी टीकाकरण अभियान को तेजी से आगे बढ़ाने में जुटी हैं वहीं दूसरी तरह कोरोना वायरस के इलाज को लेकर तमाम तरह की रिसर्च की जा रही है जिसमें कोरोना से लड़ने के लिए गंगा जल को काफी कारगर माना जा रहा है। काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के तंत्रिकारोग विशेषज्ञों डॉक्टर वीएन मिश्रा और डॉक्टर अभिषेक पाठक ने दावा किया है कि गंगा जल कोविड-19 के इलाज में कारगर साबित हो सकता है। यहां प्रेस क्लब में रविवार को संवाददाताओं को संबोधित करते हुए दोनों विशेषज्ञों ने कहा कि हिमालय के गंगोत्री से निकलने वाली गंगा में‘‘बैक्टीरियोफेज’’ की प्रचुर मौजूदगी होती है।

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बैक्टीरियोफेज शब्द का अर्थ बैक्टीरिया को नष्ट करने वाला होता है। गंगा नदी में पाए जाने वाले बैक्टीरियोफेज बैक्टीरिया और रोगाणुओं को नष्ट कर देते हैं जिससे गंगा नदी के जल की शुद्धता बरकरार रहती है। गंगा नदी में बैक्टीरियोफेज की उपस्थिति के संबंध में विशेषज्ञों ने बताया कि गंगा जल में करीब 1300 प्रकार के बैक्टीरियोफेज की पुष्टि हुई है जो किसी भी नदी की तुलना में अधिक है।

 गंगा मिशन

संवाददाता सम्मेलन में मौजूद इलाहाबाद उच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता अरुण कुमार गुप्ता ने कहा कि जल शक्ति मंत्रालय के तहत जल संसाधन विभाग के राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन ने गंगा जल का इलाज में इस्तेमाल के संबंध में क्लिनिकल अध्ययन करने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि गंगा जल से कोविड-19 के इलाज के संबंध में उन्होंने इलाहाबाद उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका भी दायर की है जिस पर केंद्र सरकार के स्वास्थ्य विभाग को नोटिस जारी किया गया है।

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